MP News : डॉक्टरों ने अपना आंदोलन रोका, सीएम शिवराज से मुलाकात के बाद लिया फैसला

Delegation of Doctors meet CM Shivraj : मध्यप्रदेश में डॉक्टरों और सरकार के बीच का टकराव फिलहाल खत्म होता नजर आ रहा है। आज डॉक्टरों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ मिला और इस मुलाकात के बाद उन्होने अपना आंदोलन रोकने का फैसला लिया है। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि उनकी हर मांग को लेकर सरकार जल्द ही आदेश जारी करेगी।

बुधवार को हड़ताल पर गए थे डॉक्टर

लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर सरकार के सामने गुहार लगा रहे सरकारी डॉक्टरों के सब्र का बांध इस माह के शुरू में टूट गया था और उन्होंने 2 मई को 2 घंटे के लिए और 3 मई को पूरे दिन के लिए पूरे प्रदेश में काम बंद रखा था। सरकारी डॉक्टरों की इस हड़ताल से प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई। इनका कहना था कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, वो काम पर वापस नहीं लौटेंगे और पूरे प्रदेश के 16000 सरकारी डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे। लेकिन बुधवार को ही हाई कोर्ट ने हड़ताल पर सख्त रुख अपनाते हुए इसे अवैध करार दिया और डाक्टरों को काम पर लौटने का निर्देश दिया था।

अदालत के निर्देश के बाद काम पर लौटे

अदालत के आदेश के बाद सरकारी डॉक्टर काम पर तो लौट आए लेकिन आंदोलन की राह अभी बंद नहीं हुई थी। इसके बाद उन्होने सामूहिक इस्तीफा देने का निर्णय लिया। इसी बीच गुरुवार सुबह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरकारी डॉक्टरों के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री निवास पर बुलाया। इस प्रतिनिधिमंडल में डॉ सुनील अग्रवाल, डॉक्टर राकेश मालवीय और डॉक्टर माधव हंसानी शामिल थे। इनके बीच हुई चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने साफ किया कि डॉक्टरों की मांगों पर उन्होंने विचार किया है और जल्द ही उन सभी मांगों के परिपालन के बारे में आदेश जारी किए जाएंगे। इस आश्वासन के बाद चिकित्सक महासंघ के अध्यक्ष डॉक्टर राकेश मालवीय ने अपने साथियों के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री की बातों पर पूरा भरोसा है और पूरी उम्मीद है कि जल्द ही डॉक्टरों की मांगों पर सरकार आदेश जारी करेगी। वहीं उनके पूर्व के निर्णय अनुसार कई जिलों में सरकारी डॉक्टरों ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था, उनसे भी ये अपील की गई कि वह अपने त्यागपत्र वापस ले लें।

ये हैं प्रमुख मांगें

चिकित्सक महासंघ की सबसे प्रमुख मांग डायनेमिक एश्योर्ड करियर प्रोग्रेसिव स्कीम (डीएसीपी) है। इसके अंतर्गत डॉक्टरों को तय समय पर एक वेतनमान देने की मांग है। उनका कहना है कि केंद्र एवं अन्य राज्यों की तर्ज पर ही मध्य प्रदेश के चिकित्सकों के लिए डीएसीपी का प्रावधान हो, इससे राज्य सरकार पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ भी नहीं आएगा। स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग एवं बीमा अस्पताल (ईएसआई) की विसंगतियां दूर हों।  चिकित्सकीय विभागों में तकनीकी विषयों पर प्रशासनिक अधिकारियों का हस्तक्षेप खत्म किया जाए। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत संविदा चिकित्सकों (एमबीबीएस) की मप्र लोक सेवा आयोग के माध्यम से की जाने चयन प्रक्रिया में प्राथमिकता दी जाए।


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

Other Latest News