Dr. Govind Singh wrote a letter to the Chief Election Commissioner : मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस की सेवा वृद्धि को निरस्त करने के लिए नेता प्रतिपक्ष डाॅ. गोविन्द सिंह ने भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होने लिखा है कि मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की 2022 में सेवानिवृत्ति उपरान्त मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने प्रदेश के बहुत से महत्वपूर्ण एवं काबिल आईएएस अफसरों को दरकिनार करते हुए उन्हें छह माह की सेवावृद्धि दिलाई थी। अब वर्तमान में उनका कार्यकाल 31 मई 2023 तक नियत होने के बाद एक बार फिर 01.06.2023 से 30.11.2023 के लिए सेवा वृद्धि की गई है। बढ़ा दी गई, जिसके आदेश केन्द्र सरकार द्वारा दिनांक 17.05.2023 को जारी किए गए है।
डॉ. गोविंद सिंह ने कहा है कि नियम यह है कि किसी भी अधिकारी की सेवानिवृत्ति के बाद सेवावृद्धि विशेष परिस्थितियों में ही की जानी चाहिए। जबकि इकबाल सिंह बैंस मुख्य सचिव की सेवावृद्धि लगातार छह-छह माह के लिए दो बार कराने का कोई विधिसम्मत आधार नहीं है।उन्होने कहा कि वास्तविकता यह है कि कनार्टक राज्य के चुनाव परिणाम कांग्रेस के पक्ष में आने के बाद भाजपा और शिवराज सिंह चौहान डर गये कि मध्यप्रदेश में भी ऐसी स्थिति हो सकती है। इसलिए उन्होंने मुख्य सचिव की छह माह के लिए और सेवावृद्धि कर दी है जिससे कि आगामी विधानसभा चुनाव को प्रभावित किया जा सके। उन्होने कहा कि प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर जो कि जिला निर्वाचन अधिकारी भी होते हैं, उनकी सीआर लिखने का अधिकार भी इनके पास रहने से उन्हें प्रभावित करने एवं भाजपा के पक्ष में कार्य करने के लिए बाध्य करने की संभावना रहेगी। भारत निर्वाचन आयोग के स्पष्ट आदेश हैं कि कोई भी अधिकारी तीन वर्ष से अधिक अवधि के लिए पदस्थ रहकर चुनाव प्रक्रिया में कार्य नहीं कर सकता, जबकि वर्तमान मुख्य सचिव को तीन वर्ष से अधिक हो गए हैं ।
नेता प्रतिपक्ष ने भारत निर्वाचन आयोग को प्रतिवेदन भेजकर मांग की है कि मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की पुनः छह माह के लिए की गई सेवावृद्धि को निरस्त किया जाए। क्योंकि उनकी नियुक्ति 30.11.2023 के लिए नियत है जबकि यही आगामी चुनाव 2023 के कार्यकाल की मुख्य अवधि होगी, ऐसी स्थिति में उनकी सेवानिवृत्ति के बाद भारत निर्वाचन आयोग की अनुमति से प्रदेश के मुख्य सचिव पद पर पदस्थ किया जा सकेगा। इसलिए वर्तमान में ही उनकी सेवावृद्धि को निरस्त कराते हुए प्रदेश के योग्य, ईमानदार एवं कुशल प्रशासक एवं वरिष्ठ आईएएस को मध्यप्रदेश का मुख्य सचिव नियुक्त किया जाए, जोकि न्यायोचित होगा ताकि मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 निष्पक्ष एवं स्वतंत्र तरीके से हो सकें, जोकि भारतीय संविधान के अनुरूप होगा।