भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP) सरकार ने प्रदेश में आंगनबाड़ी केंद्रों (Anganwadi centers) को स्थापित करने और उसकी प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए नए-नए और नीति के साथ गाइडलाइन (guideline) जारी की है। प्रदेश में अब कोरोना संक्रमण से बचाव की संचालन प्रक्रिया का पालन करते हुए आंगनबाड़ी केंद्र शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इस मामले में महिला बाल विकास के संचालक रामराव भोंसले ने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए हितग्राहियों की सुरक्षा के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन को स्थगित कर दिया गया था। जिसे एक बार पुनः शुरू किए जाने का निर्णय लिया गया।
जानकारी देते हुए महिला बाल विकास संचालक रामराव भोंसले ने बताया कि 15 नवंबर से आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन शुरू किया जाएगा। जहां आईये आंगनबाड़ी थीम पर समारोह कर आंगनबाड़ी केंद्रों को हितग्राहियों के साथ एक बार फिर से शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही कार्यक्रम के दौरान स्थानीय खाद्य विविधता आधारित विशेष भोजन तैयार कर हितग्राहियों को परोसा भी जाएगा।
वही आंगनबाड़ी केंद्र के शुरू होने के बाद 16 नवंबर से प्रतिदिन नियत समय सारणी के अनुसार केंद्रों का संचालन किया जाएगा। ज्ञात हो कि प्रदेश में कोरोना की स्थिति को देखते हुए रेडी टू ईट सामग्री का वितरित कर दिया गया था। वही आंगनबाड़ी केंद्रों के प्रारंभ होने के साथ ही 3 से 6 वर्ष की आयु तक के बच्चे को ready-to-eat के तहत नाश्ता और गर्म पका हुआ खाना प्रदान किया जाएगा।
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हालांकि कोरोना संक्रमण के दौरान रेडी टू ईट सामग्री का वितरण स्थगित कर बच्चों को वैकल्पिक पूरक पोषण आहार निरंतर उपलब्ध कराया गया है। वही आंगनबाड़ी केंद्रों में 3 से 6 वर्ष के उम्र सीमा तक के बच्चों को लाने के लिए जिला स्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियों जिला कलेक्टर द्वारा निर्णय लिया जाएगा।
नवीन गाइडलाइन के मुताबिक आंगनबाड़ी केंद्रों में 65 वर्ष से अधिक आयु तथा बीमारी वाले व्यक्तियों के प्रवेश को वर्जित रखा गया है। इसके साथ ही कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए प्रदेश में गर्भवती महिला और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए सावधानियों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।