Jitu Patwari cornered the government on the issue of transfer : कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मध्य प्रदेश में आईएएस-आईपीएस सहित अन्य अधिकारी कर्मचारियों के ट्रांसफर को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होने कहा है कि ‘बड़ी संख्या में IAS और IPS के तबादले चल रहे हैं। सरकार नहीं सुन रही है, परंतु अंदर ही अंदर विवाद भी हो रहे हैं। यही हालत रही तो जल्दी ही कथित रूप से “समृद्ध” मध्यप्रदेश में “ट्रांसफर-फैक्ट्री” शुरू हो जाएगी।’
बीजेपी सरकार पर उठाए सवाल
जीतू पटवारी ने एक्स पर लिखा है कि ‘परसों भोपाल में मैंने मध्यप्रदेश की जनता के सामने शासन के 02 शीर्ष चेहरों को लेकर 02 विचार व्यक्त किए थे!। मध्य प्रदेश में में पहले हमने देखा था, झूठ और बेरोजगारी का मामा! अब हम देख रहे हैं कर्ज और क्राइम का काका। मामा आए, 30 हजार रजिस्टर्ड झूठ बोल गए! हर एग्जाम में धांधली हुई! लाड़ली बहनों के साथ धोखा हुआ! फिर आए क्राइम और कर्ज के काका! अपराध नियंत्रण से बाहर हो गए हैं और हर महीने कर्ज लेकर सरकार चल रही है! लेकिन, अब दूसरी बात! दोनों ही दौर में एक गजब की समानता भी है! ठीक ऐसी कि अंतर करना ही मुश्किल हो जाए! कोशिश करें, फिर भी अंतर समझ नहीं आए!’
कहा ‘कोर्डिनेटर्स में किंग बनने का खुला कम्पटीशन चल रहा है
उन्होने लिखा है कि ‘बीजेपी सरकार में अधिकारियों और कर्मचारियों के सामान्य स्थानांतरण शुरू हो गए हैं! बड़ी संख्या में IAS और IPS के तबादले चल रहे हैं! सरकार नहीं सुन रही है, परंतु अंदर ही अंदर विवाद भी हो रहे हैं! पुरानी सरकार का नया चेहरा भी सिफारिश के आधार पर फिलहाल तो ‘लघु-उद्योग’ चला रहा है! लेकिन, हालत यही रहे, तो जल्दी ही कथित रूप से “समृद्ध” मध्यप्रदेश में “ट्रांसफर-फैक्ट्री” शुरू हो जाएगी! सरकार के सूत्र ही बता रहे हैं कि सचिवालय में घूम रहे “कोर्डिनेटर्स” में “किंग” बनने का खुला “कम्पटीशन” चल रहा है! फिलहाल सभी को राहत इस बात से बहुत ज्यादा है कि सभी की सुनवाई भी हो रही है!’
‘चिंताजनक पहलू यह है कि कर्ज के मर्ज से पीड़ित सत्ता पक्ष जब कमाई को ही फर्ज समझ ले, तब नौकरशाही की नाक में दम हो जाता है! जबकि, शासन तंत्र में तबादले को लेकर कुछ बुनियादी बिंदु बहुत स्पष्ट हैं -01) शक्तियों का न्यायपूर्ण या उचित प्रयोग होना चाहिए। 02) स्थानांतरण द्वेष रहित होना चाहिए। 03) ट्रांसफर प्रशासनिक आवश्यकता के आधार पर होना चाहिए। 04) ट्रांसफर बाहरी निर्देशों से प्रेरित नहीं होना चाहिए। 05) मिड टर्म ट्रांसफर नहीं होना चाहिए। 06) स्वार्थवश दंड के रूप में ट्रांसफर नहीं होना चाहिए। 07) किसी व्यक्ति को प्रतिस्थापित करने के उद्देश्य से, स्थानांतरण नहीं होना चाहिए। 08) स्थानांतरण नीति और नियमों के तहत, सक्षम अधिकारी के माध्यम से ही किए जाने चाहिए। 09) संवर्ग के बाहर ट्रांसफर नहीं होना चाहिए। 10) नियमों के अतिक्रमण में (अधिनियम के रूप में) स्थानांतरण नहीं होना चाहिए। उम्मीद करें संवैधानिक व्यवस्था का पालन करते हुए मोहन यादव सरकार तबादलों के जरिए मध्यप्रदेश की प्रशासनिक ताकत को बढ़ाएगी! न कि तबादलों के तरकश से वसूली का नया तीर चलाएगी!’
• परसों #Bhopal मैंने #मध्यप्रदेश की जनता के सामने शासन के 02 शीर्ष चेहरों को लेकर 02 विचार व्यक्त किए थे!
• #MadhyaPradesh में पहले हमने देखा था, झूठ और बेरोजगारी का #मामा! अब हम देख रहे हैं कर्ज और क्राइम का #काका.
• मामा आए, 30 हजार रजिस्टर्ड झूठ बोल गए! हर एग्जाम में…
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) February 23, 2024