मध्य प्रदेश में कुपोषण की स्थिति को लेकर कमलनाथ ने सरकार को घेरा, कहा ‘कथनी और करनी में अंतर, बच्चों को भरपेट भोजन देने का वादा झूठा’

पूर्व सीएम ने कहा कि आँकड़े बताते हैं कि मध्यप्रदेश सरकार की कथनी और करनी में व्यापक अंतर है। सभी झूठे दावों और वादों की तरह ही बच्चों को भरपेट भोजन/पोषाहार  देने का इनका दावा भी झूठा है, अफ़लातूनी है, विज्ञापनी है। मैं सरकार से माँग करता हूँ कि अपनी झूठी वाहवाही की बीमारी से बाहर निकले और नौनिहालों के पेट की तरफ़ नज़र घुमाये।

Kamal Nath

MP News : मध्य प्रदेश में कुपोषण की स्थिति चिंताजनक है। केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ आंगनवाड़ी के बच्चों में जहां सत्ताइस प्रतिशत का वजन कम है वहीं चालीस प्रतिशत बच्चे बौने पाए गए हैं। इसे लेकर अब पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है।

‘कुपोषित बच्चों का आँकड़ा चिंताजनक’

कमलनाथ ने एक्स पर लिखा है कि ‘केन्द्र सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ मध्यप्रदेश भीषण कुपोषण की चपेट में आ गया है। प्रदेश की आंगनबाड़ियों में पंजीकृत 6 वर्ष से कम उम्र के 66 लाख बच्चों में से 26 लाख यानि 40% बच्चे बौने पाये गये हैं, वहीं क़रीब 17 लाख यानि 27% बच्चों का वजन मानक औसत वजन से कम पाया गया है। केन्द्र सरकार द्वारा संचालित पोषण ट्रेकर की माह जनवरी 24 की रिपोर्ट दर्शाती है कि मध्यप्रदेश में पिछले दो माह में ही कम वजन वाले बच्चों की संख्या में 3% की बढ़ोतरी हुई है। मई 2024 में जहां मध्यप्रदेश की आंगनबाड़ियों में कम वजन वाले बच्चों की संख्या 24% थी, वहीं जुलाई 2024 में यह बढ़कर 27% पहुँच गई है।’

कमलनाथ ने सरकार पर लगाए आरोप

उन्होंने कहा कि ‘बढ़ते कुपोषण ने समूचे मध्यप्रदेश की आहार वितरण प्रणाली और बच्चों को पोषाहार देने के सभी दावों पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लगाये हैं। शर्मनाक बात है कि इस इंडेक्स मे अब मध्यप्रदेश 35वें नंबर पर लुढ़क गया है। अब हमसे नीचे मात्र एक स्थान ही बचा है। आँकड़े बताते हैं कि मध्यप्रदेश सरकार की कथनी और करनी में व्यापक अंतर है। सभी झूठे दावों और वादों की तरह ही बच्चों को भरपेट भोजन/पोषाहार  देने का इनका दावा भी झूठा है, अफ़लातूनी है, विज्ञापनी है। मैं सरकार से माँग करता हूँ कि अपनी झूठी वाहवाही की बीमारी से बाहर निकले और नौनिहालों के पेट की तरफ़ नज़र घुमाये। यदि मध्यप्रदेश का भविष्य और घर आँगन की किलकारियाँ भूख और चीख का प्रतीक बन रही हैं, तो यह प्रदेश के लिये शर्मनाक स्थिति है।’


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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