कमलनाथ ने शिक्षा की बदहाली पर उठाए सवाल, मोहन सरकार से शिक्षण तंत्र पर निगरानी रखते हुए गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करने की मांग

पूर्व सीएम ने कहा है कि मध्य प्रदेश में शिक्षा की स्थिति बदहाल है। अब स्कूलों में मौजूद शिक्षकों की संख्या में विसंगति सामने आ रही है। हैरानी की बात है कि जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या शून्य हैं, वहाँ सरकार ने दो-दो शिक्षक पदस्थ कर रखे है, वहीं लगभग 485 ऐसे स्कूल हैं जहां छात्रों की संख्या 150 के लगभग होने के बावजूद वहाँ एक भी शिक्षक पदस्थ नहीं है।

Kamal Nath

MP News : पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिक्षा के मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में शिक्षकों की संख्या में विसंगति की बात सामने आ रही है और इसे लेकर सरकार बेपरवाह है। उन्होंने सरकार से शिक्षण तंत्र पर निगरानी करने की मांग करते हुए कहा कि बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ न किया जाए।

शिक्षा की स्थिति पर सरकार से सवाल

कमलनाथ ने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए एक्स पर लिखा है कि ‘मध्यप्रदेश में शिक्षा की बदहाली का क्रम निरंतर जारी है। कुछ दिन पहले 2000 से अधिक प्राथमिक विद्यालयों में पहली कक्षा में एक भी एडमिशन नहीं होने और पिछले चार शैक्षणिक सत्र में सरकारी प्राथमिक स्कूलों में पहली कक्षा में एडमिशन लगातार घटने की खबर ने सबको चिंता में डाल दिया था। अब स्कूलों में मौजूद शिक्षकों की संख्या में विसंगति सामने आ रही है। हैरानी की बात है कि जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या शून्य हैं, वहाँ सरकार ने दो-दो शिक्षक पदस्थ कर रखे है, वहीं लगभग 485 ऐसे स्कूल हैं जहां छात्रों की संख्या 150 के लगभग होने के बावजूद वहाँ एक भी शिक्षक पदस्थ नहीं है।’

उन्होंने कहा कि ‘सरकार के पास शिक्षा का एक पृथक विभाग और एक पृथक पूर्णकालिक मंत्री होने के बावजूद शिक्षा के स्तर में गिरावट और व्यवस्था में व्यापक स्तर पर ख़ामियों का मिलना इस सरकार की विफलता बयान करती है। मैं सरकार से माँग करता हूँ कि प्रदेश की बदहाल शिक्षा व्यवस्था और चौपट शिक्षण तंत्र पर निगरानी रखते हुए बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करने की दिशा में कदम बढ़ाये। याद रहे ! अशिक्षित मध्यप्रदेश हमें अविकसित मध्यप्रदेश की तरफ़ ले जायेगा।’

 


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

Other Latest News