भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मप्र अनुसूचित जाति जनजाति अधिकारी कर्मचारी संघ (MP Scheduled Caste Tribe Officer Employees Union) ने एक बार फिर प्रदेश में मोर्चा खोल दिए है।शिवराज सरकार के सामने पदोन्नाति में आरक्षण, पदोन्नाति के नए नियम को लागू किए जाने, बैकलाक के पदों पर भर्ती, पुरानी पेंशन योजना, चिकित्सा शिक्षा में में 200 पोस्ट रोस्टर समेत कई मांगे रखी है। इसको लेकर जगह जगह प्रदर्शन और जिले स्तर पर ज्ञापन भी सौंपे जा रहे है।
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मप्र अनुसूचित जाति जनजाति अधिकारी कर्मचारी संघ ने जिला इकाईयों ने शनिवार-रविवार को श्योपुर, रायसेन और जबलपुर समेत कई जिलों में धरना दिया और अपनी मांगों का ज्ञापन राज्यपाल के नाम सौंपा।अजाक्स संघ का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan)द्वारा 12 जून 2016 में महासम्मेलन में यह घोषणा की गई थी कि पदोन्नति में आरक्षण हर हाल लागू होकर रहेगा। अगर सरकार के इस मामले में कोई नया नियम बनाने की जरूरत पड़ेगी तो वह भी बनाए जाएंगे। लेकिन बावजूद इसके अबतक इस पर फैसला नहीं हो पाया है।
अजाक्स संघ की मांग है कि म.प्र के स्पेशल कौंसिल मनोज गोरकेला द्वारा बनाए गए पदोन्नाति के नियमों को जल्द प्रदेश में लागू किया जाए और विभिन्न विभागों में खाली आरक्षित वर्ग के पदों को आउटसोर्सिंग की प्रथा बंद कर बैकलाक पदों पर भर्तियां की जाएं। अगर इसे अपरिहार्य परिस्थितियों में लागू किया जाता है तो इसमें भी आरक्षण की व्यवस्था की जाए। खुद मुख्यमंत्री ने आउटसोर्सिंग में आरक्षण प्रक्रिया को लागू किए जाने के मुद्दे पर सैद्धांतिक तौर पर सहमति जताई थी।
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संघ का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट दिल्ली के फैसले के मुताबिक 28 जनवरी 2022 के बिंदु क्रमांक 16 /2 में यह उल्लेखित किया गया है कि प्रतिनिधित्व का डाटा एक यूनिट कैडर होना चाहिए। मप्र शासन द्वारा पूर्व से कैडर क्लॉज एवं विभागवार डाटा कलेक्ट किया गया है। जिसे मप्र की शिवराज सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली पेश किया गया है, जिसके आधार पर नवीन कैडर पदोन्नति का नियम बनाकर लागू किया जाना है।