MP News : चुनावी वैतरणी पार करने के लिए क्या फिर गाय बनेगी सहारा! गौमाता को लेकर सियासी बयानबाजी शुरू

Shruty Kushwaha
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Politics on cow : हम सबने बचपन में गाय पर निबंध लिखा है। उस समय गाय की तमाम विशेषताएं लिखते हुए हमें इसकी एक अहम खूबी के बारे में नहीं पता था। वो ये कि गाय एक बड़ा चुनावी मुद्दा है। मध्य प्रदेश में गाय पर सियासत जारी है। एक तरफ उमा भारती ‘मधुशाला में गौशाला’ अभियान छेड़ चुकी है तो दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ‘गाय’ के मुद्दे पर शिवराज सरकार को घेरा है। उन्होने ट्वीट करते हुए सरकार से सवाल किया है कि उसके पास गोवंश की समस्या दूर करने के लिए क्या उपाय है।

चुनावी मुद्दा है गाय

गुरूवार को पत्रकारों से बात करते हुए एक सवाल के जवाब में सीएम शिवराज कह चुके हैं कि ‘हमारे देश में हर साल इलेक्शन ईयर’ होता है। लेकिन मध्य प्रदेश में ये वास्तव में चुनावी साल है और इसीलिए अब योजनाएं, घोषणाएं, वादे, आरोप सब चुनावी मुद्दे हैं। एक तरफ मुख्यमंत्री कांग्रेस के पिछले वचनपत्र को लेकर रोज कमलनाथ से एक सवाल कर रहे हैं, वहीं कमलनाथ भी ऐसे मुद्दों पर बीजेपी को घेरने की कोशिश में है जो उसके जनाधार की एक बड़ी वजह रही है। इनमें ‘गाय’ महत्वपूर्ण है। ये एक बड़ा चुनावी मुद्दा है। 15 महीने सत्ता में रही कांग्रेस एक हजार गौशाला का फॉर्मूला लेकर आई थी तो फिर सीएम बनने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने देश की पहली गौ केबिनेट का गठन किया। हाल ही में पशुपालन विभाग ने मध्य प्रदेश के मूल गौवंश के पालन को बढ़ावा देने के लिए एक पुरस्कार योजना की घोषणा भी की है।

कमलनाथ ने पूछा सवाल

इसी कड़ी में अब पीसीसी चीफ कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए शिवराज सरकार को घेरा है। उन्होने लिखा है कि भारत की अर्थव्यवस्था और संस्कृति में किसान व गाय का महत्वपूर्ण स्थान है। कृषि और सनातन संस्कृति एक दूसरे के पूरक हैं। आज मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी सरकार की नीति के कारण किसान और गाय दोनों मुसीबत में है। प्रदेश के हर हिस्से से गोमाता की दर्दनाक मृत्यु के समाचार और दुर्दशा की तस्वीरें आ रही है। मुख्यमंत्री की नाक के नीचे भोपाल में जीवदया गोशाला में सैकड़ों गायों की संदिग्ध मृत्यु हुई है। आवारा घूमती गोमाता सड़क हादसों की वजह बन रही है किसान के लिये फसलों की रखवाली करना मुश्किल हो रहा है। हमारी कांग्रेस की सरकार ने गोमाता को आश्रय देने के लिये गाँव-गाँव गोशाला बनवाने का संकल्प लिया था। आज इस लूट की, झूठ की, सौदेबाज़ी की सरकार ने गोमाता को बेसहारा छोड़ दिया है। मेरी मुख्यमंत्री से माँग है कि वे सामने आयें और बतायें प्रदेश भर में आवारा गोवंश की समस्या दूर करने के लिये क्या योजना है।’ इस तरह एक बार फिर चुनावी मौसम में सभी को गौमाता की चिंता हो गई है और इसे लेकर आरोप-प्रत्यारोपों का दौर जारी है।


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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