यूनियन कार्बाइड का कचरा पीथमपुर में जलाने के विरोध में जीतू पटवारी, सरकार से किये सवाल, सुमित्रा महाजन से की मुलाकात

जीतू पटवारी ने कहा हम चाहते कि एक ठोस वैज्ञानिक आधार जनता के सामने लाया जाये जो इस बात की ग्यारंटी दे कि विषैला कचरा जलाने के बाद इससे कुच्छ भी प्रभावित नहीं होगा। 

Atul Saxena
Published on -

Union Carbide waste in Pithampur:  भोपाल गैस त्रासदी के बाद से यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के कचरे को नष्ट नहीं किये जाने पर उठ रहे सवालों के बीच अब प्रदेश की डॉ मोहन यादव सरकार ने विश्व की सबसे बड़ी गैस त्रासदी की घटना के 40 साल बाद यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा हटाने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार यूनियन कार्बाइड का कचरा 1 जनवरी को 12 कंटेनरों में पैक करके पीथमपुर भेजा गया है, जहां इसे नष्ट किया जाएगा। लेकिन इसे नष्ट किये जाने से पहले ही सियासत गरमा गई है।

मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी यूनियन कार्बाइड के कचरा इंदौर के पास पीथमपुर में जलाये जाने के विरोध में आ गए हैं, उन्होंने आशंका जताई है कि यदि ऐसा होता है तो इसका अशर आने वाली कई पीढ़ियों पर होगा, उन्होंने कहा ये भाजपा कांग्रेस का मुद्दा नहीं है ये इंदौर शहर के लोगों का मुद्दा है इंदौर के पर्यावरण का मुद्दा है।

सुमित्रा महाजन से की मुलाकात 

जीतू पटवारी ने आज इंदौर में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से मुलाकात कर कचरे को जलने से रोकने पर साथ देने की अपील की, मीडिया से बात करते हुए जीतू पटवारी ने कहा कि कुछ साल पहले थोड़े से कचरे को जहाँ जलाया गया था वहां के आसपास की जमीन बंजर हो गई, भूजल दूषित हो गया जो आज तक ऐसा ही है।

जीतू पटवारी ने मांगी ग्यारंटी कि कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा 

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव कह रहे हैं कि वे लोगों को समझायेंगे कि इसका कोई विपरीत प्रभाव नहीं होगा उन्हें समझाना भी चाहिए लेकिन हम चाहते कि एक ठोस वैज्ञानिक आधार जनता के सामने लाया जाये जो इस बात की ग्यारंटी दे कि विषैला कचरा जलाने के बाद इससे कुच्छ भी प्रभावित नहीं होगा।

 


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News