भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP) में भ्रष्टाचार (corruption) पर आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं। ऐसे विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान भाजपा (BJP) के विधायक (MLA) उमाकांत शर्मा (umakant sharma) द्वारा राजधानी भोपाल के जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (CEO) पर धांधली का आरोप लगाया गया था। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इस मामले में राज्य स्तर पर जांच कराने के आदेश दिए गए थे। हालांकि जांच में रिपोर्ट सही आने के बाद श्रम विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान सीएम द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी को निलंबित (suspend) करने के निर्देश दे दिए गए हैं।
दरअसल कोरोना काल के दौरान सिरोंज जनपद में 6000 विवाह करवाए गए। विवाह भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की पुत्रियों के करवाए गए थे। जिसके लिए विवाह सहायता योजना में 51-51 हजार स्वीकृत किए जाते हैं। इसी योजना के तहत सिरोंज जनपद पंचायत में हुए विवाह में धांधली की खबर सामने आई थी।
इस दौरान शीतकालीन सत्र में भाजपा के विधायक उमाकांत शर्मा द्वारा इस मुद्दे को उठाया गया था। जिसके बहादुर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने राज्य स्तर पर इसकी जांच करने के आदेश दिए थे। मामले में शीतकालीन सत्र के दौरान विधायक उमाकांत शर्मा का कहना था कि 1 साल में CEO के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई है जबकि सीईओ को निलंबित कर इस मामले में जांच होनी चाहिए थी।
जिसपर जाँच के निर्देश दिए गए थे। श्रम विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान सीएम शिवराज ने इस मामले में नाराजगी जताई और कन्यादान योजना में हुई धांधली के कारण जनपद पंचायत के सीईओ शोभित त्रिपाठी को निलंबित करने के निर्देश दिए गए। अब इस मामले में व्यापक स्तर पर जांच की जाएगी। वहीं इसमें संलिप्त अन्य लोगों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।