पुलिस कमिश्नर प्रणाली से कानून व्यवस्था में जगी नई आस – प्रवीण कक्कड़

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट कई दशक के इंतजार के बाद अंततः मध्यप्रदेश (mp) में पुलिस कमिश्नर प्रणाली (police commissioner system ) अमल में आ गई है। इंदौर में 2003 बैच के आईपीएस अधिकारी (IPS Officers) हरिनारायण चारी मिश्रा और भोपाल में 1997 बैच के IPS अधिकारी मकरंद देऊस्कर को पुलिस कमिश्नर बनाए गए हैं। दोनों ही अधिकारियों की जनता और प्रशासन (Administration) में बेदाग छवि है। प्रदेश उन्हें आशा भरी निगाहों से देख रहा है। प्रदेश के इन दोनों महत्वपूर्ण शहरों में कमिश्नर प्रणाली की सफलता प्रदेश में भविष्य में कमिश्नर प्रणाली के विस्तार और लाभ की एक कसौटी भी साबित होगी।

पुलिस सेवा में अपने लंबे अनुभव के आधार पर मैं यह जानता हूं कि ऐसे बहुत से कानून व्यवस्था के मामले आते हैं, जब जनहित में बहुत तेजी से फैसला लेने की जरूरत पड़ती है। तेजी से फैसला न ले पाने की स्थिति में कई बार वैसी घटनाएं घट जाती हैं जो ना घटें तो अच्छा हो। ऐसे में पुलिस कमिश्नर के पास अतिरिक्त अधिकार आ जाएंगे जो अब तक पुलिस कप्तान या डीआईजी के पास नहीं हुआ करते थे।


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Kashish Trivedi

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