अब सांसद प्रज्ञा बोलीं ‘ना नया साल मेरा ना क्रिसमस मेरा, यह हमारी संस्कृति नहीं’

Sadhvi Pragya statement on the new year celebration : भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा भारती ने कहा है कि क्रिसमस और नववर्ष भारतीय संस्कृति के अंग नहीं है। उन्होने कहा कि हमारा नया साल तो चैत्र माह में आता है। इसीलिए मैं अपने लोगों से भी कहती हूं कि इस तरह की बातों से दूर ही रहें।

अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चाओं में रहने वाली भोपाल की सांसद प्रज्ञा भारती ने एक बार फिर भारतीय संस्कृति को लेकर नसीहत दी है। उन्होंने कहा है कि मेरे पास एक बच्चा सांता क्लॉज बनकर आया और उसके हाथ में कुछ गिफ्ट था। वह मुझे गिफ्ट देने लगा। लेकिन मैंने उसे लेने से इनकार कर दिया। फिर मैंने उसके माता-पिता से कहा कि अपने बच्चे को ऐसे संस्कार दो जिससे वह भारतीयता को नहीं भूले और बुढ़ापे में तुम्हारा सहारा बन सके। प्रज्ञा ने आगे कहा कि मेरे कमरे में केक रखा हुआ था और बताया गया कि यह क्रिसमस के मौके पर रखा है। मैंने तत्काल अपने लोगों से कहा कि इसे हटाओ और कहा कि क्रिसमस मेरा नहीं है, ना मेरे लोगों का है। मुझसे एक पत्रकार ने एक लेख लिखने के लिए फोन किया और इच्छा जताई कि वह मुझसे नए साल में मिलना चाहता है। मैंने उससे भी कहा कि हमारा यह नया साल नहीं है। हमारा नया साल तो चैत्र प्रतिपदा में आता है जब फसल काटती है और देवी का पूजन होता है।

अभी कुछ दिन पहले ही कर्नाटक में लोगों को हथियार रखने की सलाह देने की बात कहकर विवादों में फंसी साध्वी प्रज्ञा अक्सर कुछ ना कुछ ऐसा कह जाती हैं, जो चर्चाओं में आ जाता है। अब क्रिसमस और नए साल को लेकर दिए गए उनके इस बयान पर बवाल मचेगा, इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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