MP: राज्य शासन का बड़ा फैसला, 31 अगस्त तक पूरा होगा ये काम, कलेक्टरों को निर्देश जारी

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। जबलपुर के न्यू लाइफ हॉस्पिटल में आगजनी की घटना के बाद राज्य शासन ने बड़ा फैसला किया है। इसके तहत 31 अगस्त तक सभी नर्सिंग होम का निरीक्षण किया जा रहा है। एसीएस हेल्थ मो.सुलेमान ने सभी जिलों के कलेक्टर, नगर निगम कमिश्नर, सीएमएचओ और मुख्य विद्युत एवं सुरक्षा निरीक्षक को नर्सिंग होम्स की जांच करने के आदेश दिए हैं।इसके तहत सीएमएचओ अनुज्ञापन प्राधिकारी होंगे।

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दरअसल, हाल ही में राज्य शासन ने निर्णय लिया था कि आगामी एक माह में अभियान चलाकर प्रदेश के समस्त नर्सिंग होम का निरीक्षण किया जाए। अपर मुख्य सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण  मोहम्मद सुलेमान ने सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिये थे कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी नर्सिंग होम का निरीक्षण हो और प्रावधान अनुसार नर्सिंग होम संचालित हों। प्रदेश में स्थापित समस्त पंजीकृत निजी नर्सिंग होम के लिये जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को अनुज्ञापन प्राधिकारी बनाया गया है।

अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि विगत दिनों नर्सिंग होम स्थापना में हुई अग्नि दुर्घटना की परिप्रेक्ष्य में यह अत्यंत आवश्यक है कि सभी नर्सिंग होम में अग्नि सुरक्षा से संबंधित उपाय किये जाएँ। निरीक्षण दल में आवश्यकतानुसार स्थानीय निकाय तथा विद्युत सुरक्षा से संबंधित अधिकारी भी शामिल किए जाएँ। निरीक्षण दल 10 अगस्त से पहले गठित कर लिए जाएँ, जिससे 31 अगस्त तक सभी नर्सिंग होम का निरीक्षण हो सके। निरीक्षण दलों की संख्या जिले में पंजीकृत नर्सिंग होम की संख्या के आधार पर तय की जाएँ। यह दल एक दिन में अधिकतम 2 नर्सिंग होम का निरीक्षण कर प्रतिवेदन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को सौंपे। प्रतिवेदन में अनुज्ञापन की शर्तों का उल्लंघन एवं कमियाँ पाये जाने पर संबंधित नर्सिंग होम को नोटिस भी जारी किया जाए।

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मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी यह भी सुनिश्चित करेंगे कि निरीक्षण रिपोर्ट प्राप्त होने के अगले ही दिन आवश्यकतानुसार कारण बताओ नोटिस जारी करें और संबंधित निजी नर्सिंग होम संचालक को नोटिस ऑनलाइन तथा भौतिक रूप से भेजा जाए। नोटिस जारी होने के 30 दिन के भीतर नर्सिंग होम के संचालक को उत्तर देना अनिवार्य होगा। यदि उत्तर समाधानकारक नहीं पाया जाता है, तो अधिनियम के प्रावधान अनुसार स्पीकिंग ऑर्डर जारी करते हुए नर्सिंग होम का पंजीयन निरस्त किया जाए।

मध्यप्रदेश उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएँ (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम के प्रावधान अनुसार निजी नर्सिंग होम के पंजीकरण के लिए जरूरी दस्तावेज निर्धारित हैं। इनमें संबंधित नगरीय एवं ग्राम पंचायत द्वारा जारी की गई बिल्डिंग परमिशन, वेलिड टेम्परेरी फायर एनओसी सर्टिफिकेट, प्रदूषण नियंत्रण मंडल का बायोगैस वेस्ट निस्तारण सर्टिफिकेट, अधिकृत इंजीनियर का लिफ्ट सर्टिफिकेट, एटॉमिक एनर्जी रेगुलेटरी बोर्ड लायसेंस, फूड सेफ्टी लायसेंस, ब्लड बैंक लायसेंस, एमटीपी लायसेंस और पीसीपीएनडीटी लायसेंस, शामिल हैं।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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