भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (Highcourt) ने MPPSC के दिव्यांग अभ्यर्थियों को बड़ी राहत दी है। दरअसल हाईकोर्ट ने उच्च शिक्षा विभाग (Higher Education Department) और लोक सेवा आयोग (public service Commission) को 28 फरवरी तक दिव्यांग अभियर्थियों (Differently abled convicts) को सहायक प्राध्यापक (Assistant professor) पद पर नियुक्ति देने का आदेश जारी किया है।
जबलपुर हाईकोर्ट ने वर्ष 2020 के फरवरी माह में आदेश जारी किया था। जिसके मुताबिक दृष्टिबाधित दिव्यांगों को 2%, श्रवण बाधित दिव्यांग उम्मीदवारों को 2% और अस्थि बाधित उम्मीदवारों को 2% आरक्षण का लाभ देने के लिए कहा गया था। इसके साथ जबलपुर हाईकोर्ट ने 31 दिसंबर 2020 तक लोक सेवा आयोग को दिव्यांगजनों की नियुक्ति करने का समय दिया था। हालांकि 31 जनवरी 2020 तक ना ही चयन सूची जारी की गई और ना ही नियुक्ति दी गई।
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इस मामले में लोक सेवा आयोग ने एक बार फिर जबलपुर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसके बाद हाईकोर्ट ने नियुक्ति के लिए 28 फरवरी 2021 तक का समय दिया है।इसके साथ ही मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने कहा कि MPPSC और उच्च सेवा विभाग के अधिकारियों को यह समझना चाहिए कि एक दिव्यांगजन अपनी जिंदगी में विषम परिस्थितियों का सामना कर शिक्षा और नौकरी ग्रहण करता है। ऐसे में उनके साथ यह सोतेला पूर्ण व्यापार है।
बता दें कि सहायक प्राध्यापक परीक्षा 2017 का मूल विज्ञापन 12 दिसंबर 2017 को MPPSC के आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया था। जबकि मध्यप्रदेश में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम- 2016, 25 जनवरी 2018 से लागू किया गया था। जिसके कारण यह अधिनियम MPPSC के सहायक प्राध्यापक परीक्षा 2017 के लिए लागू नहीं होते हैं। विज्ञापन में यह भी प्रकाशित नहीं किया गया था कि अभ्यर्थियों को बहुविकलांगता की श्रेणी नहीं दी जाएगी। वहीं अब जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश के बाद दिव्यांगजनों ने हाईकोर्ट का आभार मानते हुए उम्मीद जताई है कि 18 फरवरी से पहले MPPSC के दिव्यांग अभ्यर्थियों को सहायक प्राध्यापक पद पर नियुक्ति दी जाएगी।