भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार (Shivraj Government) जहरीली शराब और उससे हुई मौतों को लेकर सतर्क हो गई है। गृह विभाग (MP Home Department) द्वारा विष अधिनियम 1999 (केंद्रीय क़ानून) तथा उसके तहत मप्र सरकार द्वारा अधिसूचित विष नियम 2014 का सख़्ती से पालन कराने के निर्देश समस्त कलेक्टर्स (Collectors) और एसपी (SP) को जारी किए गए हैं।इस संबंध में गृह विभाग, मप्र शासन ने आदेश जारी किया है।
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दरअसल, बीते दिनों मध्य प्रदेश में अवेध शराब निर्माण में औद्योगिक, अन्य प्रयोजनों में इस्तेमाल होने वाले मेथानोल तथा अन्य विषैले रसायन आदि के उपयोग से शराब विषैली हो जाने से जन हानि हुई थीं।इसमे खास तौर पर मुरैना, उज्जैन और मंदसौर में ज़हरीली शराब में मेथानोल की मात्रा पायी गई थी। इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावर्ती रोकने के तारतम्य में राज्य शासन (MP Government) द्वारा अनेक ठोस कदम उठाए गए हैं।
गृह विभाग द्वारा विष अधिनियम 1999 (केंद्रीय क़ानून) तथा उसके तहत मप्र सरकार द्वारा अधिसूचित विष नियम 2014 का सख़्ती से पालन कराने के निर्देश समस्त कलेक्टर्स और एसपी को जारी किए गए हैं। नियमों में अधिसूचित समस्त प्रकार के विष पदार्थों के विक्रय के लिए ज़िला कलेक्टर से अनुज्ञप्ति प्राप्त किया जाना बंधनकारी है। अनुज्ञप्ति में विक्रय स्थल, विषैले पदार्थ के स्टोर की अधिकतम मात्रा, सुरक्षा उपाय, किनको विक्रय किया जा सकेगा।
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इसके अलावा विषैले पदार्थ को स्टोर करने की विधि, स्टॉक पंजी एवं विक्रय पंजी के संधारण की अनिवार्यता, विष को लेवल करने तथा परिवहन के समय किए जाने वाले उपाय उल्लेखित होंगे तथा अनुज्ञप्ति शर्तों का पालन करना वैधानिक रूप से अनिवार्य है। ज़िला कलेक्टर ऐसे परिसरो की जाँच के लिए सर्च वारंट जारी कर सकेंगे। ASI या नायब तहसीलदार स्तर के अधिकारी स्टॉक चेक़ कर सकेंगे और विक्रय पंजी चेक कर सकेंगे। विष अधिनियम या विष नियम के प्रावधानों का पालन नहीं करने पर १ वर्ष की सजा का प्रावधान है।