डीजीपी पद से हटाए जाने के बाद से ही एमपी छोड़ना चाहते थे ऋषि कुमार शुक्ला

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भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व डीजीपी और नए सीबीआई के मुखिया ऋषि कुमार शुक्ला ने आज सीबीआई प्रमुख के तौर पर पद ग्रहण किया। एक एडीजी रैंक के अफसर ने मीडिया से उनके एमपी छोड़ने से पहले की बैचेनी और नए सफर के बारे में बताया। मैं अब यहां और नहींं रुकना चाहता हूं, बस! ये बात उन्होंने सरकार द्वारा डीजीपी पद से हटाए जाने के बाद कही थी। 

अफसर ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर मीडिया रिपोर्ट में खुलासा किया है कि, ‘मैं इस बात को लेकर बहुत हैरान था कि वह क्यों मध्य प्रदेश से जाना चाहते हैं, जबकि वह जानते थे कि नई सरकार उनके साथ सहज थी। और बाद में उनकी सीबीआई प्रमुख बनाए जाने की खबर सबके सामने आ गई। हालांकि, उन्होंने मुझे उनके जाने प्रदेश छोड़ने का कारण तो नहीं बताया लेकिन वह अपने लक्ष्य को लेकर पहले से स्पष्ट  थे।’ 

इस बारे में जब प्रदेश के गृह मंत्री बाला बच्चन से बात की गई और उनसे सवाल किया गया कि क्यों शुक्ला को डीजीपी पद से हटाया गया। उन्होंने कहा कि ये मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होता है किसे क्या पद देना हैं। मैंने शुक्ला जी को उनकी नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं दी हैं। और उनसे आग्रह किया है कि केंद्र और प्रदेश के बीच बेहतर संबंध बनाए रखने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि शुक्ला एक काबिल अफसर हैं। 

गौरतलब है कि ऋषि कुमार शुक्ला मूल रूप से ग्वालियर के रहने वाले हैं. सीबीआई में उनका कार्यकाल 31 अगस्त 2020 तक है. शुक्ला को मेहनती, ईमानदार और बेदाग छवि का अफसर माना जाता है| बीकॉम तक पढ़ाई करने के बाद 1983 में वे भारतीय पुलिस सेवा में आए थे| उनका जन्म 23 अगस्त 1960 में हुआ था. प्रशिक्षण के बाद शुक्ला की पहली पद स्थापना 1985 में अविभाजित मध्य प्रदेश के रायपुर जिले में सीएसपी के तौर पर की गई थी. उसके बाद वे एएसपी शिवपुरी बनाए गए थे. वर्ष 1987 में उन्हें जिले की कमान सौंपी गई थी. एसपी के तौर पर उनकी पहली पद स्थापना दमोह जिले में की गई थी. उसके बाद वे एसपी शिवपुरी, एसपी मंदसौर और एसपी पीटीएस इंदौर रहे हैं।


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