भोपाल| निर्दलीय और अन्य के सहारे प्रदेश में सरकार बनाने में सफल हुई कांग्रेस में मंत्रिमंडल गठन के बाद अंदरखाने जमकर बवाल मचा हुआ है| एक तरफ मंत्रियों के विभागों को लेकर जमकर खींचतान चल रही है, तो वहीं मंत्री मंडल में जगह नहीं मिलने से निर्दलीय समेत कई विधायक बेहद नाराज हैं और मंत्री पद की मांग कर रहे हैं| इनकी नाराजगी ने सियासत में हलचल बढ़ा दी है| वहीं बहुमत के आंकड़े से सिर्फ 7 सीटें दूर भाजपा की ओर से आ रहे बयान कांग्रेस नेताओं की धड़कनें बढ़ा रहे हैं| इन सबके बीच मैनजमेंट में माहिर सीएम कमलनाथ के लिए सबको साधना बड़ी चुनौती बन गया है| वहीं कांग्रेस के असंतुष्ट विधायक केपी सिंह, ऐदल सिंह कंसाना, बिसाहूलाल सिंह समेत 10 विधायक दिल्ली पहुंच गए हैं। वे राहुल गांधी से मुलाकात कर अपनी बात रखेंगे।
सिंधिया के करीबी विधायक ने दी इस्तीफे की धमकी, पार्टी पर वंशवाद का आरोप
बदनावर से कांग्रेस विधायक राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने वंशवाद का आरोप लगाते हुए मंत्री पद नहीं देने का आरोप लगाया है। राजवर्धनसिंह का कहना है कि कांग्रेस में आज भी वंशवाद व गुटीय राजनीति हावी है। वंशवाद की राजनीति ने उनका हक छीन लिया है। मेरे साथ अन्याय हुआ और मैं इसका जवाब इस्तीफा देकर दूंगा। मैं भी अगर किसी पूर्व मुख्यमंत्री या बड़े नेता का बेटा या रिश्तेदार होता तो आज मैं भी मंत्री बन जाता। उन्होंने कहा कि ऐसे ही लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है, जिनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि सत्ता में रहने की रही है। क्या मेरा यह कसूर रहा कि मतगणना के बाद निर्वाचन का प्रमाण पत्र लेते ही में इस अल्पमत की सरकार के लिए दो निर्दलीय विधायकों को लेकर आया। ये बिंदू हो सकते हैं, जिनके कारण मुझे अयोग्य समझा गया।
निर्दलीय विधायक का अल्टीमेटम, हमारे बिना नहीं चलेगी सरकार
बुरहानपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक ठाकुर सुरेंद्र सिंह ‘शेरा’ ने सरकार को अल्टीमेटम दिया है| उन्होंने दावा किया है कि बिना निर्दलीय विधायकों के कमलनाथ की सरकार नहीं चल सकती है और जल्द ही सरकार निर्दलीय विधायकों को मंत्री बनाएगी। 2019 में लोकसभा चुनाव भी है। कांग्रेस को हमारी जरूरत है। हमें तो मंत्री बनाया ही जाएगा। उन्होंने साफ किया कि सरकार ने उनका नहीं बुरहानपुर की जनता का मंत्री पद नहीं देकर नजरअंदाज किया। ठाकुर सुरेंद्र सिंह के इस बयान के बाद सियासी हल्कों में हलचल मच गई। कांग्रेस ने केवल वारासिवनी से निर्दलीय जीते प्रदीप जायसवाल को कैबिनेट मंत्री बनाया है। तीन अन्य पर अब तक कोई फैसला नहीं लिया है।
यह दिग्गज भी नाराज, अपनी ही पार्टी के खिलाफ खोला मोर्चा
इसके अलावा कई दिग्गजों को कमलनाथ की टीम में जगह मिलने की उम्मीद थी| इनमे से कुछ के नाम तो सूची में भी थे| लेकिन अंतिम समय में नाम काटे गए| जिसके चलते विधायक नाराज हैं| केपी सिंह, ऐदल सिंह कंसाना, बिसाहूलाल सिंह, हीरालाल अलावा, राज्यवर्धन और सुरेन्द्र सिंह ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। खबर है कि नाराज 10 विधायक दिल्ली पहुंच गए हैं। वे राहुल गांधी से मुलाकात कर अपनी बात रखेंगे। मुरैना में एंदल सिंह के समर्थक ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष मदन शर्मा गुरुवार को इस्तीफा दे चुके हैं. इनकी शिकायत ये है कि ऐदल चार बार से लगातार विधायक हैं| इस बार मुरैना-श्योपुर की 8 में से 7 सीटें कांग्रेस ने जीतीं फिर भी उन्हें विधायक क्यों नहीं बनाया गया| पिछोर विधायक के पी सिंह समर्थक भी चक्काजाम और विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं| वहीं मंदसौर संसदीय क्षेत्र से जीते एकमात्र कांग्रेस विधायक हरदीप डंग भी मंत्री नहीं बनाये जाने से दुखी हैं।