इंदौर, आकाश धोलपुरे। देशभर में इस समय कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज लगवाने का महाअभियान चल रहा है। ऐसे में लोगों को प्रेरित करने के लिए नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। इंदौर में एक डॉक्टर ने अब ऐसे मरीजों का उपचार करने से ही इनकार कर दिया है जो कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज नहीं लगवायेगा।
‘जिंदगी का डोज, दूसरा डोज’ कोरोना के संक्रमण को सिरे से खत्म करने के लिए केन्द्र और राज्य दोनों सरकार इस समय कोरोना वैक्सीनेशन महाअभियान चला रही है। लोगों को प्रेरित किया जा रहा है कि वह दूसरा डोज लगाएं और कोरोना के संक्रमण से मुक्त समाज पाएं। ऐसे में इंदौर के एक डॉक्टर विजय शाह छाजलानी ने कलेक्टर को एक पत्र लिखा है और उसमें लिखा है कि ‘मैं शासन द्वारा चलाये जा रहे कोरोना वैक्सीनेशन महाअभियान का पूर्ण समर्थन करता हूं। मैं अपने आप परीक्षण करवाने आए सभी मरीजों को वैक्सीन के दोनों डोज लगवाने के लिए प्रेरित करूंगा। जो व्यक्ति वैक्सीन नहीं लगवायेगा, उसका मैं ना तो परीक्षण करूंगा ना उपचार।” डॉ विजय छाजलानी मशहूर शिशु रोग और टीवी रोग विशेषज्ञ हैं और इंदौर के पूर्व जिला टीबी अधिकारी रह चुके हैं।
वैक्सीनेशन को प्रेरित करने इससे पहले भी अलग-अलग स्तर पर लोगों ने अपने अपने क्षेत्रों में ऐसे प्रयोग किए हैं। सिंगरौली जिले में कलेक्टर ने 15 दिसंबर के बाद वैक्सीनेशन न करवाने वालों को शादी विवाह, सामाजिक व धार्मिक आयोजनों में प्रवेश पर रोक लगा दी है और इसके उल्लंघन करने वालों को बाकायदा FIR का सामना करने की चेतावनी दी है। दतिया के कलेक्टर ने ‘वैक्सीन नहीं तो राशन नहीं’ अभियान चलाया है। शहडोल जिले के कमिश्नर राजीव शर्मा ने भी उमरिया, शहडोल व अनूपपुर के कलेक्टरों को आदेश दिए हैं कि वह वैक्सीन की दोनों डोज न लगवाने वाले शासकीय अधिकारी कर्मचारियों को वेतन आहरित न करें। जाहिर सी बात है कि वैक्सीन का अपना महत्व है और यदि व्यक्ति इसे नहीं समझता तो उसे विभिन्न योजनाओं से बहिष्कृत करके ही इसका महत्व समझाया जा सकता है। एक बिना वैक्सीन कराए हुए व्यक्ति समाज में तेजी के साथ कोरोना फैला सकता है इस बात का ध्यान उस व्यक्ति को और अन्य लोगों को भी रखना होगा।