मध्यप्रदेश में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण की बहाली को लेकर एक बार फिर सियासी घमासान शुरू हो गया है। कमलनाथ ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण को लेकर दोमुंही नीति अपनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सार्वजनिक रूप से ओबीसी आरक्षण का समर्थन करती है, लेकिन अदालतों में और नीति निर्माण में इसका विरोध करती है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी ने ओबीसी समाज के साथ पिछले छह साल से जो धोखा कर रहे हैं, उसे वो अच्छी तरह समझ गया है। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा ने अपना ओबीसी विरोधी षड्यंत्र एक बार फिर चला तो कांग्रेस बड़े पैमाने पर इसका विरोध करेगी।
कमलनाथ ने जताई आशंका ‘सरकार बदल सकती है रूख’
कमलनाथ ने कह है कि अब सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण को लेकर अंतिम सुनवाई शुरू होने वाली है। इससे पहले मध्य प्रदेश सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाकर 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता ज़ाहिर की थी और कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर सरकार को अपना समर्थन दिया था। उन्होंने कहा कि ‘अब फिर ख़बर आ रही है कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार अपने रुख से पलटने की तैयारी कर रही है।’ कांग्रेस नेता ने कहा कि मैं भाजपा को आगाह करना चाहता हूँ कि वह समाज की बदलती ज़रूरतों को पहचाने।
विरोध की चेतावनी
पूर्व सीएम ने कहा है कि यदि सरकार ओबीसी के 13 प्रतिशत होल्ड पदों पर नियुक्तियां और नई भर्तियों में 27 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित नहीं करा पाती है तो इससे साफ ज़ाहिर हो जाएगा कि भाजपा ने अपना OBC विरोधी षड्यंत्र एक बार फिर चला है। उन्होने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने फिर ओबीसी वर्ग के साथ धोखा किया तो कांग्रेस इसका विरोध करेगी। कमलनाथ ने कहा कि ओबीसी का 27 प्रतिशत आरक्षण हर हाल में लागू कराना हमारा संकल्प है।
मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण बहाल करने की दिशा में भारतीय जनता पार्टी सरकार की मंशा पर एक बार फिर सवाल खड़े हो रहे हैं।
अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में मैंने 2019 में OBC वर्ग को 27% आरक्षण दिया था। उसके बाद इस आरक्षण को समाप्त करने का काम भाजपा ने किया…
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) September 5, 2025





