भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। 26 जनवरी की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार (central government) द्वारा पदम सम्मान (padma award) के विभूतियों के नाम की घोषणा कर दी गई है। इनमें से 5 हस्तियों को भी पदम श्री (padma Shri) सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। प्रदेश के जिन लोगों को पद्मश्री सम्मान से नवाजा जाएगा। उसमें 3 को कला एक को साहित्य और एक को चिकित्सा जगत में मरणोपरांत यह सम्मान दी जाएगी।
मध्य प्रदेश के अर्जुन सिंह धुर्वे को कला, अवध किशोर जाडिया को साहित्य और शिक्षा, रामसहाय पांडे को कला, दुर्गाबाई व्यान को कला और एनपी मिश्रा को मरणोपरांत चिकित्सा जगत के लिए पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।
अर्जुन सिंह धुर्वे : मध्य प्रदेश के अर्जुन सिंह धुर्वे को कला के क्षेत्र में यह सम्मान दिया जा रहा है। अर्जुन सिंह धुर्वे मंडला जिले के रहने वाले हैं। वह बैगा आदिवासी नृत्य कलाकार भी हैं। कला मैं उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया जा रहा है।
दुर्गाबाई व्यान : इसके अलावा दुर्गाबाई आदिवासी महिला कलाकार हैं। भोपाल में जनजातीय कला की कौन सी शैली में उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। जिसके बाद उन्हें भी पद्मश्री सम्मान से नवाजा जाएगा। दुर्गाबाई चित्रकारी की सर्वाधिक आकर्षक विशेषता कथा कहने वाले कलाकार में से एक है। दुर्गाबाई को लोक कथाओं को चित्रित करने मैं भी उत्कृष्टता प्राप्त है। वही दुर्गाबाई मध्यप्रदेश के मंडला जिले के गांव की रहने वाली हैं। वही सम्मान मैं उनके नाम के बाद दुर्गाबाई ने कहा कि यह मेरा नहीं इस कला डिगना का सम्मान है। जब तक जीवित रहूंगी है कला करती रहूंगी और इसे दुनिया भर में फैलाती रहूंगी।
अवध किशोर जाडिया : इसके अलावा साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में मध्य प्रदेश के छतरपुर के जाने-माने साहित्यकार अवध किशोर जाडिया को पदम श्री से सम्मानित किए जाने का ऐलान किया गया है। अवध किशोर जाडिया पिछले 50 सालों से साहित्य के क्षेत्र में अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहे थे। वही वह जिले के छोटे से कस्बे हरपालपुर के रहने वाले हैं और बचपन से ही साहित्य में उनका लगाव रहा है।
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एनपी मिश्रा : वही मध्य प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र के पितामह कहे जाने वाले एनपी मिश्रा को भी मरणोपरांत पदम श्री से सम्मानित किया जाएगा। एनपी मिश्रा मध्यप्रदेश के जाने-माने चिकित्सक से मरीजों के स्नेह को अपना सबसे बड़ा सम्मान कहने वाले एनपी मिश्रा ने वर्ष 1984 में हुए भीषण गैस त्रासदी के दौरान मरीजों के इलाज में बड़ी भूमिका निभाई थी।
डॉ एनपी मिश्रा की खासियत यह थी कि वह 90 वर्ष की उम्र में भी शोध हो चिकित्सा क्षेत्र में आर्य नवीन जानकारियों से खुद को अपडेट रखते थे। वहीं चिकित्सकों के हर कॉन्फ्रेंस में उन्हें लेक्चर देने के लिए बुलाया जाता था। इतना ही नहीं कोरोना संक्रमण के दौरान रेमेडीशिविर इंजेक्शन के प्रभाव के बारे में भी सबसे पहले उन्होंने ही बात कही थी।
रामसहाय पांडे : इसके अलावा सागर जिले में रहने वाले अंतरराष्ट्रीय राई नृत्य रामसहाय पांडे को भी पदम श्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। दरअसल रामसहाय पांडे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राई नृत्य के रूप में विख्यात है वहीं उनके कला में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए मोदी सरकार द्वारा उन्हें पद्मश्री से नवाजा जाएगा।
ज्ञात हो कि विभिन्न क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के बाद 128 लोगों को पदम पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई है। जिसके लिए 26 जनवरी की पूर्व संध्या पर नामों की घोषणा की गई है। इसके अलावा चार लोगों को पद्म विभूषण 17 लोगों को पद्म भूषण और 107 लोगों को पदम श्री से सम्मानित किया जाएगा।
पद्मश्री पुरुस्कार !!!
मध्यप्रदेश के गौरव और चिकित्सा क्षेत्र के डॉ एन.पी मिश्रा जी को मरणोपरांत भारत सरकार द्वारा #पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाना मध्यप्रदेश के लिए गौरव का विषय है।
डॉ. मिश्रा जी को विनम्र श्रद्धांजलि#PadmaSri#PadmaAwards pic.twitter.com/Rny5yscEk9
— Kailash Vijayvargiya (Modi Ka Parivar) (@KailashOnline) January 25, 2022
पद्मश्री पुरुस्कार !!!
मध्यप्रदेश के गौरव श्री अर्जुन सिंह धुर्वे (कला), श्री अवध किशोर जड़िया (साहित्य और शिक्षा), श्री रामसहाय पांडे (कला) और श्रीमती दुर्गाबाई व्याम (कला) को पद्मश्री के लिए नामंकित किया गया है।
सभी विभूतियों को बधाई एवं शुभकामनाएं..#PadmaAwards pic.twitter.com/kgf2odBCcU
— Kailash Vijayvargiya (Modi Ka Parivar) (@KailashOnline) January 25, 2022