भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव (MP Panchayat Election 2021-22) को लेकर नया मोड़ आ गया है। अब ओबीसी आरक्षण के बिना मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव नहीं होंगे, इसके लिए शिवराज सरकार (Shivraj Government) ने अध्यादेश वापस ले लिया है।वही राज्यपाल मंगुभाई पटेल की अनुमति के बाद विधि एवं विधायी विभाग ने वापस लेने की अधिसूचना जारी कर दी। अब माना जा रहा है कि आज-कल में चुनाव आयोग (MP State Election Commission) फिलहाल चुनावों को टालने का ऐलान कर सकता है।चुंकी पहले चरण की वोटिंग जनवरी में होना है।
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दरअसल, मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद से सियासी पारा हाई है। कभी ओबीसी आरक्षण तो कभी रोटेशन की प्रक्रिया को लेकर बखेड़ा खड़ा होता रहा है। मामला हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा और मप्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी जमकर हंगामा देखा गया। इसके बाद विधानसभा में संकल्प विधेयक पेश किया गया और फिर रविवार को हुई मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक में मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज संशोधन अध्यादेश को वापस लेने के फैसले के मुहर लगाई गई और फिर इसे राज्यपाल मंगुभाई पटेल की अनुमति के लिए भेज दिया गया।
यहां से हरी झंडी मिलने के बाद विधि एवं विधायी विभाग ने देर रात तत्काल प्रभाव से वापस लेने की अधिसूचना जारी कर दी। अब संभावना जताई जा रही है कि आज सोमवार को राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव टालने का ऐलान कर सकता है।चुनावों के टलने के बाद सरकार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation)के संबंध में दिए गए आदेश के मुताबिक प्रक्रिया फिर पूरी करनी होगी, लेकिन इसके लिए पहले पिछड़ा वर्ग की गणना होगी और उसके आधार पर आरक्षण का निर्धारण होगा।
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इधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान राज्यपाल से मुलाकात के बाद रविवार देर शाम दिल्ली पहुंचे और यहां सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, एडवोकेट जनरल प्रशांत सिंह, सुप्रीम कोर्ट में प्रदेश सरकार के वकील और विधि विशेषज्ञों के साथ ओबीसी आरक्षण संबंधी पहलुओं पर चर्चा की ।इधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने ओबीसी मतदाताओं की गिनती कराने और कलेक्टरों से इसकी 7 जनवरी तक रिपोर्ट मांगी है।वही पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण और रोटेशन को लेकर कांग्रेस द्वारा लगाई गई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में अब 3 जनवरी 2022 को सुनवाई होगी।