पीएम मोदी और दिलजीत दोसांझ की मुलाकात पर किसान नेता भड़के, कहा ‘किसानों से मिलने का समय नहीं है’

किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने पीएम मोदी और दिलजीत दोसांझ दोनों के प्रति नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को 38 दिन से अनशन पर बैठे जगजीत सिंह डल्लेवाल से मुलाकात करनी चाहिए, लेकिन उनके पास इसके लिए समय नहीं है। वहीं, दोसांझ पर भी निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें भी पीएम की बजाय किसानों से मिलने आना चाहिए था। बता दें कि जगजीत सिंह डल्लेवाल 26 नवंबर 2024  से पंजाब और हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर हैं। उनकी प्रमुख मांगों में फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी शामिल है।

Shruty Kushwaha
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PM Modi Diljit Dosanjh Meeting : पीएम मोदी और दिलजीत दोसांझ की मुलाकात को लेकर तरह तरह की प्रतिक्रिया सामने आ रही है। अब किसान नेताओं ने इस मुलाकार पर नाराजगी जताई है। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि प्रधानमंत्री के पास कलाकारों से मिलने का समय है, लेकिन किसानों से मिलने का समय नहीं है।

बता दें कि इस कड़ाके की ठंड के बीच भी पंचाट और हरियाणा में किसान आंदोलन तेज़ी पकड़ रहा है। हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसान संगठनों ने महापंचायतें आयोजित की हैं, जिनमें बड़ी संख्या में किसान शामिल हो रहे हैं। इन महापंचायतों में किसानों ने अपनी मांगों के समर्थन में 9 जनवरी को बड़े आंदोलन की घोषणा की है।

पीएम मोदी से दिलजीत दोसांझ की मुलाकात ने छेड़ी बहस

साल के पहले दिन 1 जनवरी को प्रसिद्ध पंजाबी गायक और अभिनेता दिलजीत दोसांझ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। जिसकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किए गए। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मुलाकात को “बहुत ही यादगार बातचीत” बताते हुए दोसांझ की बहुमुखी प्रतिभा की सराहना की। इस मुलाकात के बाद तरह तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं।

किसान नेताओं ने जताया विरोध

किसानों ने इस मुलाकात का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के पास किसानों से मिलने का समय नहीं है। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि प्रधानमंत्री को अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मिलना चाहिए था, जो खनौरी और शंभू बॉर्डर पर 38 दिनों से आमरण अनशन पर हैं। साथ ही उन्होंने दिलजीत दोसांझ पर भी अपना गुस्सा ज़ाहिर किया और कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री की बजाय आंदोलनरत किसानों से मिलने आना चाहिए था। बता दें कि किसान आंदोलन के चलते पंजाब और हरियाणा के विभिन्न हिस्सों में महापंचायतों और विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है। इस कड़ाके की ठंड के बीच भी किसान अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं। अब किसान संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगे।


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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