हाथ में कटोरा लिए MPPSC के छात्रों ने मांगी सरकार से पद बढ़ाने की भीख, कहा 700 किए जाएं पद

बीते दिनों NEYU के छात्र नेता को इंदौर पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था, दोनों ही एमपीपीएससी छात्र प्रतिनिधि मंडल के सदस्य भी थे जिन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव से मुलाकात की थी।

Rishabh Namdev
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कड़ाके की ठंड और उसमें बनियान पहने हाथ में कटोरा लिए सड़कों पर बैठे छात्र, यह नजारा देखने को मिला मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में जहां एमपीपीएससी के छात्र पद वृद्धि की मांग को लेकर सरकार से भीख मांग रहे हैं। छात्रों का कहना है की लगभग ढाई से तीन लाख छात्र परीक्षा के लिए तैयार हैं और उसमें केवल 158 पद यह कैसे संभव हो सकता है?

प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप भी लगाया। छात्रों का कहना है कि जब छात्र शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांग सरकार के सामने रखते हैं तो उन्हें केवल आश्वासन मिलता है और इतना ही नहीं आश्वासन के बाद उन्हें जेल में भी डाल दिया जाता है।

NEYU के छात्र नेता को इंदौर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था

आपको बता दें बीते दिनों NEYU के छात्र नेता राधे जाट और रंजीत किसानवंशी को इंदौर पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था, दोनों ही एमपीपीएससी छात्र प्रतिनिधि मंडल के सदस्य भी थे जिन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव से मुलाकात की थी।

मध्य प्रदेश के हर जिले में यह प्रदर्शन कर रहे हैं छात्र

इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद से ही सरकार और छात्रों के बीच खींचातानी का माहौल देखने को मिल रहा है। प्रदर्शन कर रहे छात्रों का यह भी कहना है कि अभी वह मध्य प्रदेश के हर जिले में यह प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन आगे अगर उनकी बात को मध्य प्रदेश सरकार द्वारा नहीं सुना जाता है तो वह इस प्रदर्शन को लेकर दिल्ली जाएंगे और वहां सरकार के सामने अपनी मांग रखेंगे। छात्रों ने मध्य प्रदेश सरकार से आश्वासन में कही गई बातों को पूरा करने की मांग की है।

MPPSC के छात्रों की क्या मांग हैं?

  • छात्रों की मांग है कि 87/13 फार्मूला समाप्त किया जाना चाहिए और 100% परिणाम पारदर्शिता के साथ जारी किए जाने चाहिए।
  • इसके साथ ही एमपीपीएससी 2025 के लिए 700 पदों तथा वन सेवा में 100 पदों के लिए अधिसूचना भी जारी की जानी चाहिए। वहीं, 2019 की मुख्य परीक्षा की कॉपियां भी दिखाई जानी चाहिए और उनकी मार्कशीट भी जारी की जानी चाहिए।
  • इसके अलावा, यूपीएससी की तरह प्रारंभिक परीक्षा में कोई भी गलत प्रश्न नहीं पूछा जाना चाहिए। इसके लिए नेगेटिव मार्किंग भी शुरू की जानी चाहिए। छात्रों का कहना है कि इंटरव्यू के अंकों को कम किया जाना चाहिए। साथ ही, इंटरव्यू के दौरान उम्मीदवारों के नाम, श्रेणियां और उपनाम का खुलासा नहीं किया जाना चाहिए।

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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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