Himachal Pradesh political crisis : हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के बाद सियासी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे और पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। उन्होंने कहा कि ‘मैंने हमेशा पार्टी का साथ दिया है लेकिन इस समय बस इतना ही कहना चाहूँगा कि मेरा इस सरकार का हिस्सा बने रहना ठीक नहीं है।’ इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने पूर्व सीएम जयराम ठाकुर सहित 14 विधायकों को सदन से निलंबित कर दिया है।
कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह का इस्तीफ़ा
बता दें कि राज्यसभा चुनाव में 9 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है। कांग्रेस के 6 और 3 निर्दलीय विधायकों ने भाजपा उम्मीदवार को वोट दिया और इसके बाद कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी ये चुनाव हार गए। इस घटनाक्रम के बाद राज्य में राजनीतिक उथल पुथल शुरु हुई। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने इस्तीफ़ा देते हुए कहा कि कभी कभी कठोर निर्णय लेने पड़ते हैं और वर्तमान हालात देखते हुए मैं इस पार्टी में नहीं रह सकता हूँ।
संकट में सरकार!
इसी के साथ उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि हमने हमेशा कांग्रेस के आलाकमान का सम्मान किया है लेकिन उनके द्वारा लगातार विधायकों की अनदेखी का परिणाम ही राज्यसभा चुनावों में देखने को मिला है। इस दौरान सदन में हुए हंगामे के बाद विधानसभा स्पीकर ने बीजेपी के चौदह विधायकों को सस्पेंड कर दिया। अब विक्रमादित्य सिंह के इस्तीफ़े के बाद क़यास लगाए जा रहे हैं कि वो बीजेपी में जा सकते हैं। वही वर्तमान स्थिति के बाद प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर भी सरकार पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं।