राहुल के बयान पर सियासत तेज, अब समर्थकों ने उठाई सिंधिया को मुख्यमंत्री बनाने की मांग

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में ज्योतिरादित्य सिंधिया (jyotiraditya scindia) को लेकर एक बार फिर से सियासत गरमा गई है। कांग्रेस (congress) छोड़ बीजेपी (bjp) में शामिल हुए सिंधिया को 1 साल का वक्त हो चुका है। साथ ही राहुल गांधी (rahul gandhi) के बयान के बाद मध्य प्रदेश की सियासत में सिंधिया को मुख्यमंत्री (chief minister) बनाए जाने की मांग एक बार फिर से सुनाई देने लगी।

दरअसल बीते दिनों स्वर्गीय माधवराव सिंधिया (Lt. Madhavrao scindia) की जयंती के मौके पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों में उन्हें मुख्यमंत्री बनाने की मांग साफ सुनाई दी। इस दौरान इंदौर के बंगाली चौराहे पर माधवराव सिंधिया की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने सिंधिया समर्थक मंत्री तुलसी सिलावट (tulsi silawat) पहुंचे थे। सिंधिया समर्थक मंत्री के समर्थकों द्वारा ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश के मुख्यमंत्री बनाने की मांग की गई।

इस मामले में सिंधिया समर्थक परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के भाई दीपक राजपूत के पीछे नहीं रहे। इंदौर में उन्होंने कहा कि सबकी इच्छाएं है की सिंधिया मुख्यमंत्री बने। इतना ही नहीं गोविंद सिंह राजपूत के भाई दीपक राजपूत ने यह भी कहा कि कांग्रेस के समय से ही लोग प्रदेश की कमान सिंधिया के हाथों में देखना चाहते हैं लेकिन आज जब वह बीजेपी में है तभी हम लोग यही चाहते हैं कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में सिंधिया को देखें।

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बता दें कि सिंधिया को मुख्यमंत्री बनाने की मांग वर्षो से की जा रही है। उनके समर्थकों द्वारा प्रदेश की राजनीति गलियों में ऐसे स्वर काफी सुनाई देते हैं लेकिन बीते दिनों कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सिंधिया पर बयान देकर एक बार फिर से इन मांग को तेज कर दिया है। कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री न बनाए जाने के कारण ज्योतिरादित्य सिंधिया नाराज थे। इस दौरान उनके समर्थकों की भारी मांग थी कि सिंधिया प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। वहीं कांग्रेस हाईकमान की तरफ से कोई विचार न किए जाने के बाद नाराज सिंधिया ने दल बदल लिया था और बीजेपी में शामिल हो गए थे।

बीजेपी में शामिल होने के बाद सिंधिया और उनके समर्थकों को पद और सम्मान मिला लेकिन एक बार फिर उनके समर्थकों ने सिंधिया को मुख्यमंत्री बनते देखने की ख्वाहिश अधूरी रही। आज सिंधिया को कांग्रेस का हाथ छोड़ बीजेपी में शामिल हुए 1 साल का वक्त पूरा होने जा रहा है। इस बीच राहुल गांधी ने सिंधिया समर्थकों की इच्छा को यह कहकर हवा दे दी कि यदि सिंधिया कांग्रेस में रहते तो मुख्यमंत्री बना दिए जाते। जिसके बाद एक बार फिर से उनके समर्थकों में सिंधिया को मुख्यमंत्री के रूप में देखने का उत्साह साफ नजर आ रहा है और वह प्रदेश में सिंधिया को मुख्यमंत्री बनाने की मांग करने लगे हैं।

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हालांकि इस मामले में राहुल गांधी के बयान पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा था कि जितनी चिंता राहुल को अब है। काश इतनी चिंता उस समय होती जब मैं कांग्रेस में था। दूसरी तरफ राहुल गांधी के इस बयान पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी कहा था कि कांग्रेस को यह भान हो गया है कि मध्यप्रदेश में सिंधिया के बिना कांग्रेस कुछ नहीं है।

हालांकि राहुल के इस बयान पर एक बार फिर से प्रदेश की सियासत में हलचल देखी जा रही है और स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की जयंती पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्यमंत्री बनाने की मांग फिर से एक बार तेज होती नजर आई है।


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