पंचतत्व में विलीन हुए प्रभात झा, उमा भारती ने भावुक होकर किया याद, कहा ‘मैं प्रभात जी को कभी नहीं भूलूंगी’

उमा भारती ने बताया कि 1970 में जब वे प्रवचन करने ग्वालियर गईं तो प्रभात जी, जय भान सिंह पवैया जी के साथ उनका प्रवचन सुनने आते थे। उसी समय से उनके साथ संपर्क बना। उन्होंने कहा कि प्रभात जी तीव्र बुद्धि के धनी थे, वह किसी भी नेता को बुद्धिमत्तापूर्ण सलाह देने में दक्ष थे और इस दुखद समाचार मिलने के बाद से वे उनकी पत्नी के लिए बेहद दुखी हैं।

Uma Bharti

बीजेपी के वरिष्ठ नेता प्रभात झा क अंतिम संस्कार बिहार में उनके पुश्तैनी गाँव कोरियाही में पूरे विधि विधान से किया गया। एक दिन पहले दिल्ली के मेदांता अस्पताल में इलाज के दौरान उनका निधन हो गया था। उनके देहावसान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित बीजेपी और कांग्रेस सहित कई दलों के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

प्रभात झा का अंतिम संस्कार उनके पुश्तैनी गाँव में हुआ

प्रभात झा के पुत्र तुष्मुल झा ने इस दुखद खबर को साझा करते हुए कहा था कि ‘हम सब चाहते थे कि बाबा की कर्म स्थली मध्य प्रदेश (ग्वालियर) में उनकी अंत्येष्टि हो, लेकिन बाबा ने हमारे माता जी से कभी इच्छा जाहिर की थी कि उनकी अंत्येष्टि जन्म धरती पर एवं जहां मेरे दादाजी की अंत्येष्टि हुई थी वहीं उनकी भी अंत्येष्टि होl अतः हम लोगों ने निर्णय लिया है कि बाबा की अंत्येष्टि 27 जुलाई को 3 बजे हमारे पुश्तैनी गांव कोरियाही, जिला सीतामढ़ी, बिहार से संपन्न किया जायेगा।’ उनके अंतिम दर्शन करने के लिए सीएम मोहन यादव, ज्योतिरादित्य सिंधिया, वीडी शर्मा सहित कई मंत्री और नेता दिल्ली में मेदांता अस्पताल पहुँचे थे। वहीं, उनके पुश्तैनी गाँव में भारी संख्या में लोगों ने उन्हें भावभीनी विदाई दी।

उमा भारती हुईं भावुक

बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने प्रभात झा को याद करते हुए भावुक पोस्ट लिखी है। उन्होंने एक्स पर लिखा है कि ‘आज प्रभात जी की उनके पैतृक गांव बिहार में अंत्येष्टि है। जब मैं 1970 में प्रवचन करने ग्वालियर गई तो प्रभात जी, जय भान सिंह पवैया जी के साथ मेरा प्रवचन सुनने आते थे, तब से मेरा उनके साथ संपर्क बना रहा। प्रभात जी तीव्र बुद्धि के धनी थे, वह किसी भी नेता को बुद्धिमत्तापूर्ण सलाह देने में दक्ष थे। उनकी पत्नी के लिए मुझे गहरा दुःख है क्योंकि वह प्रभात जी के लिए समर्पित मधुर स्वभाव की महिला हैं। बिहार के मिथिला क्षेत्र की मधुबनी एरिया की महिलाओं में सीता जी के जैसी मधुरता एवं श्री होती है। भाभी के लिए चिंतित हूं लेकिन प्रभात जी ने अपने बेटों को बहुत अच्छे संस्कार दिए हैं, मुझे उनके बेटों पर विश्वास है कि वह मां को संभाल लेंगे। मैं प्रभात जी को कभी नहीं भूलूंगी।’


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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