भोपाल। लोकसभा चुनाव में मिली जीत के बाद भाजपा अब नई तैयारियों में जुट गई है| रविवार को राजधानी भोपाल में भाजपा के सदस्यता अभियान को लेकर बैठक हुई, जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल ने प्रदेश में मध्यावधि चुनाव के संकेत दिए। रामलाल ने कहा कि हर उस बूथ पर काम करो, जहां विधानसभा चुनाव में हार मिली है। मप्र में चुनाव कभी भी हो सकते हैं इसलिए कमजोर बूथों पर फोकस करें। रामलाल के कहने के क्या मायने है ये तो भाजपा ही बता सकती है, लेकिन पार्टी के नेता इसे मध्यावधि चुनाव का संकेत मान रहे है। कमलनाथ सरकार की स्थिरता पर उठ रहे सवालों के बीच रामलाल का ये बयान राजनीति गलियारों में सुर्खियां बटोर रहा है। हालांकि बीजेपी कई बार सरकार गिराने का दावा कर चुकी है, ऐसे में रामलाल का यह बयान उसी ओर संकेत करता हुआ दिखाई दे रहा है।
दरअसल, रविवार को राजधानी भोपाल के बीजेपी कार्यालय में छह जुलाई से शुरु हो रहे सदस्यता अभियान की तैयारी को लेकर पहली अहम बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में सदस्यता अभियान को लेकर रणनीति बनाई गई और पूरा ब्लूप्रिंट तैयार किया गया। बैठक में विशेष रुप से राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल, राष्ट्रीय सदस्यता प्रभारी शिवराज सिंह चौहान , प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह , प्रदेश सदस्यता प्रभारी अरविंद भदौरिया के साथ ही सांसद, मंत्री, नेता , विधायक औऱ सभी जिलों के प्रभारी और अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। इस दौरान रामलाल ने प्रदेश में मध्यावधि में चुनाव होने के बात कही। रामलाल ने सांसद औऱ विधायकों से कहा कि हर उस बूथ पर काम करो, जहां विधानसभा चुनाव में हार मिली है। मप्र में जब भी चुनाव हों, वहां पार्टी को फायदा हो, हमें हर बूथ पर 50 फीसदी वोट मिलें यह प्रयास करना है। मप्र में चुनाव कभी भी हो सकते हैं इसलिए कमजोर बूथों फोकस करें। यह कहकर रामलाल मुस्कुरा दिए। आगे रामलाल ने कहा कि हर वर्ग के बीच जाओ, मुस्लिमों समेत उन लोगों को जोड़ो जहां भाजपा कमजोर है। इससे ज्यादा मैं नहीं कहूंगा, आप समझ गए होंगे।
85 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य
रामलाल ने आगे कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने जो लक्ष्य तय किया था, उसके फलस्वरूप देश के 224 लोकसभा क्षेत्रों में 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट हासिल हुए। मप्र को न्यूनतम 20 प्रतिशत एवं अधिकतम 85 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया गया। उन्होंने कहा कि सदस्यता अभियान के साथ हमें पार्टी को सर्वव्यापी, सर्वस्पर्शी बनाना है। पार्टी को गरीब तबके, नवमतदाताओं और लाभार्थियों का अच्छा समर्थन मिला है, उनसे संपर्क करें और उन्हें पार्टी से जोड़ें।
सत्ता से बेदखल होते ही किये जा रहे दावे
विधानसभा चुनाव के बाद से ही बीजेपी नेताओं द्वारा सरकार की स्थिरता पर सवाल उठाए जा रहे है और गिराने के दावे किए जा रहे है। इसको लेकर बीते दिनों नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने फ्लोर टेस्ट की भी मांग की थी। हालांकि बाद में हाईकमान के निर्देश पर नेता ठन्डे पड़ गए और अपने आप सरकार गिरने की बात कहने लगे है। अभी यह मामला ठंडा हुआ ही था कि अब रामलाल ने संकेत देकर फिर इस मु���्दे को हवा दे दी है। रामलाल के बयान के क्या मायने है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
मप्र में मंत्रियों समेत 121 विधायक मुख्यमंत्री के साथ में हैं। चार बार विधानसभा में बहुमत भी सिद्ध कर चुके हैं। इसलिए भाजपा का यह खयाली-पुलाव है। वह कभी भी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सकती।
पीसी शर्मा, कानून मंत्री, मप्र