शहडोल। लोकसभा चुनाव को लेकर मध्य प्रदेश में घमासान तेज हो गया, प्रत्याशियों ने जीत के लिए पूरा जोर लगाना शुरू कर दिया है| भाजपा की कब्जे वाली सीट शहडोल में बदले हुए समीकरण राजनीतिक दलों के लिए ही नहीं बल्कि जनता के लिए भी चर्चा का विषय बन गए हैं| यहां सबसे रोचक मुकाबला है| इसके कई बड़े कारण है, जिसके चलते यहां का चुनाव सबकी नजर में है|
अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित शहडोल संसदीय क्षेत्र में चार बार भाजपा तो छह बार कांग्रेस जीत दर्ज कर चुकी है। इस बार एक अलग ही तरह चुनाव यहां हो रहा है| जो जिस पार्टी के लिए मैदान में होते थे, आज वे उसी पार्टी के खिलाफ जनता के बीच पहुँच रहे हैं| कांग्रेस और भाजपा दोनों ने दलबदलुओं को टिकट दिया है। भाजपा की उम्मीदवार हिमाद्री यहां से पिछला लोकसभा उपचुनाव बतौर कांग्रेस उम्मीदवार लड़ चुकी हैं। वहीं कांग्रेस ने जिन पूर्व विधायक प्रमिला सिंह को उम्मीदवार बनाया है उन्होंने भाजपा छोड़ कांग्रेस का दामन थामा है। ऐसे में दोनों महिलाओं के बीच रोचक मुकाबला होने की उम्मीद की जा रही है। मैदान में दोनों प्रत्याशी महिला है, इसके चलते भी यहां टक्कर रोचक नजर आ रही है| वहीं यहां के मतदाताओं का मूड भी अलग किस्म का है। यहां के मतदाताओं ने यहां से लड़ी हर नई पार्टी को मौका दिया है। कांग्रेस और भाजपा के अलावा यहां से निर्दलीय, सोशलिस्ट, लोकदल, बसपा और जनता दल के प्रत्याशी भी चुनाव जीत चुके हैं।
भाजपा कांग्रेस में कडा मुकाबला
भाजपा और कांग्रेस दोनों के बीच कड़ी टक्कर है| भाजपा को विरोध और भितरघात से नुकसान होने की संभावना है, वहीं हिमाद्रि के भाजपा में जाने से कांग्रेस ने भी भाजपा के नेता को ही मैदान में उतारा है| जिसके चलते कांग्रेस के जो कार्यकर्ता हिमाद्रि के लिए मैदान में है, तो उसके बदले में प्रमिला सिंह के साथ भी भाजपा के कई कार्यकर्ताओं ने मैदान संभाल लिया है| हिमाद्रि के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आ जाने से भाजपा को यह संभावना है कि विंध्य क्षेत्र में उसका प्रदर्शन बेहतर रहेगा। पिछले दिनों हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था। यहां से पार्टी के कई दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा था। विंध्य की लोकसभा की चारों सीटों पर फिलहाल भाजपा का कब्जा है।
आईएएस की पत्नी व पूर्व विधायक हैं कांग्रेस प्रत्याशी
कांग्रेस ने भाजपा छोड़कर आई पूर्व विधायक प्रमिला सिंह को प्रत्याशी बनाया है| प्रमिला सिंह जयसिंह नगर से विधायक रही हैं। उन्होंने साल 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के ध्यान सिंह को 14 हजार मतों से हराकर चुनाव जीता था। लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रमिला सिंह का टिकिट काटकर जैतपुर के विधायक जयसिंह मरावी को टिकट दे दिया। टिकट कटने से नाराज प्रमिला सिंह विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस में शामिल हो गई। प्रमिला सिंह सागर संभाग के कमिश्नर अमरपाल सिंह की पत्नी है। पिछले दिनों भाजपा की शिकायत पर उनका तबादला भी किया गया था| विधानसभा चुनाव के दौरान प्रमिला ने बीजेपी पर कई आरोप लगाते हुए कांग्रेस का दामन थाम लिया था|
शादी के बाद पति की पार्टी में आई हिमाद्रि
भाजपा ने यहां बड़ा दांव खेला है| उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रही हिमाद्रि सिंह को टिकट देकर बीजेपी ने सीट बचाने की रणनीति बनाई है| हिमाद्रि के पति भाजपा के विधायक है| सितंबर, 2017 में उनकी शादी भाजपा नेता नरेंद्र मरावी से हुई। हिमाद्रि ने विवाह के समय कहा था कि कुछ भी हो जाए, कांग्रेस नहीं छोड़ेंगी, राजनीति कभी भी वैवाहिक जिंदगी के बीच नहीं आएगी। हिमाद्रि के पिता दलवीर सिंह कांग्रेस से सांसद रहते हुए दो बार केंद्र सरकार में मंत्री रहे तो उनकी मां राजेश नंदिनी दो बार कांग्रेस की सांसद रह चुकी हैं। हिमाद्रि के पति नरेंद्र ने वर्ष 2009 में राजेश नंदिनी के खिलाफ शहडोल संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा था, जिसमें वे हार गए थे।
तीन बार सासंद बने ज्ञान सिंह का कटा टिकट
इस सीट पर वर्तमान में भाजपा का कब्जा है| यहां से वर्तमान सांसद ज्ञान सिंह है, ज्ञान सिंह इस क्षेत्र से तीसरी बार सांसद चुने गए हैं। 2016 में हुए उपचुनाव से पहले वे 1996 और 1998 में हुए लोकसभा चुनाव में भी इस सीट का प्रतिनिधित्तव कर चुके हैं। 2016 के उपचुनाव में भाजपा ने ज्ञान सिंह को उम्मीदवार बनाया उन्होंने कांग्रेस के हिमाद्री सिंह को शिकस्त दी। 1957 में इस सीट पर हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के कमल नारायण सिंह ने जीत हासिल की थी। 2014 का चुनाव जीतने वाले भाजपा के दलपत सिंह परस्ते का ब्रेन हेमरेज के कारण निधन हो जाने के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ। इस बार ज्ञान सिंह का टिकट कटा है, जिसका उन्होंने विरोध भी किया है|