Shivraj Cabinet Meeting, MP Cabinet Meeting : मध्य प्रदेश में आज शिवराज कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर लग सकती है। इसके साथ ही पंचायत सचिवों को मिलने वाले सातवें वेतनमान के लिए अतिरिक्त राशि की भी स्वीकृति दी जा सकती है।ग्राम पंचायत सचिवों के मानदेय बढ़ाने पर भी महत्वपूर्ण फैसला लिया जा सकता है। 12:00 बजे मंत्रालय में होने वाले कैबिनेट की बैठक में 1 दर्जन से अधिक प्रस्तावों पर मुहर लगेगी।
गणवेश की व्यवस्था में परिवर्तन के प्रस्ताव शामिल
बैठक में छात्रों को दिए जाने वाले गणवेश की व्यवस्था में परिवर्तन के प्रस्ताव को भी शामिल किया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रस्तावित किया गया जिसके तहत स्व सहायता समूह को कांग्रेस की राशि सीधे देने के स्थान पर आजीविका मिशन की राज्य इकाई के माध्यम से दिए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। बैठक में इस प्रस्ताव पर महत्वपूर्ण निर्णय लिया जाएगा।
सातवें वेतनमान देने अतिरिक्त राशि की पूर्ति के लिए प्रस्ताव तैयार
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पंचायत सचिवों को सातवें वेतनमान देने की घोषणा की गई थी। पंचायत सचिवों को सातवें वेतनमान देने की घोषणा की पूर्ति के लिए पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग द्वारा अतिरिक्त राशि की पूर्ति के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है। सातवें वेतनमान देने के लिए 180 करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय भार देखा जा रहा है।
प्रदेश के 22 हजार 110 पंचायत सचिवों को महंगाई भत्ता मिलाकर अधिकतम 34632 रुपए मासिक वेतन मिल रहा है। वही सातवें वेतनमान मिलने से इनके वेतन बढ़कर 42814 रुपए प्रति महीने होंगे जिसके लिए विभाग ने 180 करोड़ रुपए अतिरिक्त मांगे हैं। जिस प्रस्ताव पर आज मुहर लग सकती है।
CM किसान किस्तों में वृद्धि के प्रस्ताव पर आज निर्णय
इसके अलावा आज की कैबिनेट बैठक में किसानों के लिए भी महत्वपूर्ण फैसला लिया जा सकता है। CM किसान कल्याण योजना के तहत किसानों को सालाना मिलने वाली 4 हजार रुपए की राशि को बढ़ाया जा सकता है। बता दे कि अभी शिवराज सरकार किसानों को दो किस्तों में 4000 रुपए दे रही है। इसमें वृद्धि की जा सकती है। किसानों को वर्ष भर में 6000 रुपए सम्मान निधि के रूप में उपलब्ध कराए जाएंगे।
केंद्र सरकार द्वारा किसानों को 6000 रुपए तीन किस्तों में उपलब्ध कराए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री द्वारा राज्य की ओर से भी 2000 बढ़कर 6000 रुपए प्रति वर्ष देने की घोषणा की गई थी। योजना राशि में वृद्धि के प्रस्ताव पर आज निर्णय लिया जा सकता है।
शक्ति सदन योजना के लिए भी प्रस्ताव तैयार
प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं की को कठिन परिस्थितियों से उबर के लिए शक्ति सदन के नाम पर स्वाधार और उज्ज्वला योजना को जोड़कर शक्ति सदन योजना चलाई जा सकती है। महिला और बाल विकास विभाग द्वारा अवैध व्यापार में फंसी महिलाओं को कठिन परिस्थिति से निकालकर उन्हें नई शुरुआत करने के उद्देश्य से स्वाधार और उज्जवला योजना को एक कर शक्ति सदन नाम से योजना चलाई जा सकती है। इसके लिए भी प्रस्ताव तैयार किया गया है। बता दे कि प्रदेश में अभी कल 1500 आधार ग्रह संचालित किया जा रहे हैं। साथ ही 14 संस्थाओं को अनुदान दिया जा रहा।
शक्ति सदन में प्राकृतिक विपदा से निराश्रित, हिंसा पीड़ित, मानसिक रूप से विक्षिप्त और अनैतिक व्यापार में संलग्न रहने वाली महिलाओं को आश्रय देने के साथ ही उन्हें पोषण, वस्त्र, स्वास्थ्य, सुविधाएं सहित कानूनी सलाह और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है। साथ ही उनके पुनर्वास की भी व्यवस्था की जाती है। इसके लिए 2024 से 2026 तक के लिए 22 करोड़ 94 लाख रुपए का प्रावधान प्रस्तावित किया गया। जिनमें 60% केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। इस पर कैबिनेट में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
5664 नए पदों के सृजन पर भी विचार विमर्श
वही 263 स्वास्थ संस्थानों के लिए 5664 नए पदों के सृजन पर भी विचार विमर्श कर प्रस्ताव को सहमति दी जा सकती है। इसके अलावा इसे 2 वर्ष में भरने की स्वीकृति पर कि आज महत्वपूर्ण निर्णय लिया जाएगा।
अनुभागीय कार्यालय खोलने पर महत्वपूर्ण फैसला
- बालाघाट के परसवाड़ा में अनुभागीय कार्यालय खोलने पर महत्वपूर्ण फैसला हो सकता है।
- इतना ही नहीं छतरपुर की सताई उप तहसील को तहसील बनने पर भी निर्णय लिया जा सकता है।
- शाजापुर जिले की गुलाना तहसील को अनुभाग का दर्जा दिया जा सकता है।
- इसके अलावा रीवा जिले की तहसील मऊगंज हनुमाना और नईगढ़ड़ी को मिलाकर नए जिले मऊगंज के सर्जन दमोह जिले की ग्राम पंचायत बटियागढ़ को नगर परिषद बनाने वाले प्रस्ताव पर भी विचार किया जा सकता है।
अन्य प्रस्ताव पर भी विचार विमर्श
- इसके अलावा मध्य प्रदेश में जीव विज्ञान का आधारित अर्थव्यवस्था के बिहारी वाजपई सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान को नोडल संस्थान नामांकित किया जा सकता है। परिवहन विभाग की अलीराजपुर स्थित बस डिपो की भूमि महाराणा प्रताप नगर भोपाल से डीबी मॉल के सामने की भूमि नीलाम करने संबंधित प्रस्ताव पर भी विचार विमर्श किया जाएगा।
- वही गुणवत्ता और वित्तीय नियंत्रण के लिए राज्य स्तर पर समिति का गठन किया जा सकता है। राजस्व से जुड़े कामों के लिए आमजन को दूर ना जाना पड़े। इसके लिए वित्तीय नियंत्रण और गुणवत्ता को लेकर राज्य सरकार कुछ महत्वपूर्ण फैसला ले सकती है।