Shivraj Cabinet : पेट्रोल-डीजल पर सेस खत्म, यहां पढ़िए शिवराज कैबिनेट बैठक के बड़े फैसले

Pooja Khodani
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SHIVRAJ CABINET MEETING

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आज मंगलवार (Tuesday) को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक (Shivraj Cabinet) सम्पन्न हुई।बैठक में कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।इसमें मध्यप्रदेश में डीजल—पेट्रोल (Petrol-Diesel ) के टैक्स(Tex) पर लगने वाले सेस को शिवराज सरकार (Shivraj Government) ने खत्म कर दिया है।इसके अलावा अन्य कई बड़े प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।

Shivraj Cabinet : कमलनाथ का एक और फैसला पलटा, विधानसभा में पेश किया जाएगा बिल

मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि मैंने अभी विभागों की समीक्षा की है। कुछ बड़े प्रोजेक्ट्स को पूरा होने में देरी हो रही है। इससे समय खराब होता है और लागत भी बढ़ जाती है। सभी मंत्री साथी अपने-अपने विभाग के प्रोजेक्ट्स की नियमित रूप से समीक्षा करें। आगामी 28 दिसंबर से मध्यप्रदेश विधानसभा (MP Legislative Assembly) के शीतकालीन सत्र (Winter session) होने वाला है, इससे पहले एक और बैठक बुलाई जा सकती है।

Shivraj Cabinet – शिवराज कैबिनेट बैठक संपन्न, इन प्रस्तावों को मिली मंजूरी

बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 दिसंबर को 9 करोड़ किसानों के खातों में ₹18 हजार करोड़ की राशि भेजेंगे जिसमें 78 लाख किसान मप्र के हैं। 25 दिसंबर को 11 बजे से कार्यक्रम का आयोजन होगा। कार्यक्रम ब्लॉक मुख्यालयों व पंचायतों में होगा। किसान कल्याण के काम लगातार केंद्र व राज्य सरकार कर रही है। हमने ₹1,600 करोड़ किसानों के खातों में भेजने की प्रक्रिया शुरू की है। 15 दिनों में 35 लाख किसानों के खातों में राशि पहुंच जायेगी। अभी एक तिहाई किसानों को राशि भेजी जा रही है।

इन प्रस्तावों को मिली मंजूरी

  • मध्यप्रदेश #Cabinet ने आज #Diesel और #Petrol पर लगने वाले उपकर के उपर उपकर को हटाने का फैसला किया है। सरकार के इस जनहितैषी फैसले से पेट्रोल-डीजल सस्ता होगा।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन ने #COVID19 की वैक्सीन में मिलावट की आशंका जाहिर की है। प्रदेश में कोई लोगों की जान से खिलवाड़ न कर सके इसलिए मिलावटखोरी पर अब 3 वर्ष की सजा के प्रावधान को आजीवन कारावास में बदलने का फैसला किया है।
  • #Cabinet ने प्रदेश में एक्सपायरी डेट की दवा,पेय और खाद्य पदार्थ बेचने पर 5 वर्ष की सजा के प्रावधान को भी मंजूरी दे दी है।सरकार ने जेल विभाग के लिए फार्मेसिस्ट का पद, मेल नर्स की मंजूरी दी है।
  • प्रदेश में जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए धर्म स्वतंत्र विधेयक-2020 पर अलग-अलग सुझाव आने के बाद अब इसे 26 दिसंबर को #Cabinet में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। इसके बाद इसे विधानसभा में प्रस्तुत किया जाएगा।
  • शिवराज कैबिनेट ने गौण खनिज अधिनियम 1996 में संशोधन को मंजूरी दी है, 31 गौण खनिज को शामिल किया गया। पत्थर से रेत बनाने का काम भी अधिनियम में शामिल किया गया है, अब ऑनलाइन आवेदन पर भी पट्टा मिलेगा, पट्टाधारी गौण खदानों में 75% लोग मध्यप्रदेश के होंगे।
  • 3 विश्वविद्यालयों में भोज यूनिवर्सिटी, बीआर अंबेडकर सामाजिक विज्ञान यूनिवर्सिटी महू, एसएन शुक्ला यूनिवर्सिटी में प्रति कुलपति पद की स्वीकृ़ति।
  • कैबिनेट में सिंचाई के लिए नहर समितियों में चुनाव शुरू करने का फैसला किया है।
  • पीएम कृषि सिंचाई योजना, हर खेत को पानी, के लिए भूजल सिंचाई योजना को स्वीकृति दी गई है।
  • मंडला, शहडोल, उमरिया और डिंडोरी के लिए मंजूरी मिली है।
  • सीएम शिवराज ने मंत्रियों को बड़े प्रोजेक्ट की नियमित समीक्षा करने के लिए निर्देश दिए हैं।
  • भोज विश्वविद्यालय, एस एन शुक्ल विश्वविद्यालय और अम्बेडकर विश्वविद्यालय में प्रति कुलपतियों की नियुक्ति की मंजूरी मिली है।
  • दमोह में एकलव्य विश्वविद्यालय, अरविंदो विश्वविद्यालय इंदौर, महाकौशल विश्वविद्यालय जबलपुर को खोलने को मंजूरी मिली है।
पूर्व सीएम मोतीलाल वोरा को दी गई श्रद्धांजलि

वर्चुअल कैबिनेट बैठक से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित मंत्रिपरिषद के सदस्यों ने प्रदेश के पूर्व सीएम  मोती लाल वोरा के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।सीएम ने कहा कि मैं मंत्रिपरिषद और मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की जनता की ओर से  मोतीलाल वोरा (Motilal Vora) जी के चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं। तीन दिन का प्रदेश में राजकीय शोक घोषित किया गया है।श्रीमान मोतीलाल वोरा जी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर लोक कल्याण के लिए काम करते थे।अंतिम सांस तक वो लगातार सक्रिय रहे। वो कांग्रेस पार्टी की ताकत तो थे ही, साथ ही उनका सार्वजनिक जीवन में अतुलनीय योगदान था।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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