Shivraj Singh Chouhan Press Conference : मध्य प्रदेश को मोहन यादव के रूप में नए मुख्यमंत्री मिल चुके हैं। इसी के साथ शिवराज सिंह चौहान की लंबी पारी का अंत हो गया। वो मध्य प्रदेश में सबसे लंबे समय तक और बीजेपी के सबसे दीर्घकालीन मुख्यमंत्री होने का रिकॉर्ड कायम कर चुके हैं। प्रदेश में उनकी अपार लोकप्रियता और जनता के साथ डायरेक्ट कनेक्ट ने इन चुनावों में भी बीजेपी की जीत में अहम भूमिका निभाई है। सोमवार को विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। मंगलवार को उन्होने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों को संबोधित किया और उनके सवालों के जवाब दिए।
शिवराज की फेयरवेल स्पीच
इस दौरान वो कई बार भावुक नज़र आए। उन्होने कहा कि वो इस बात से संतुष्ट है कि सबसे भारी बहुमत वाली सरकार बनाकर जा रहे हैं। वही शिवराज ने कहा कि इस जीत में लाड़ली बहना योजना का भी जबरदस्त योगदान है। उन्होने कहा कि बीते सालों में अपनी पूरी क्षमता और सामर्थ्य से उन्होने प्रदेश के विकास के लिए कार्य किया और आगे वो पार्टी के एक समर्पित कार्यकर्ता के रूप में काम करते रहेंगे। वहीं जब उनसे पूछा गया कि वो दिल्ली क्यों नहीं गए थे तो उन्होने कहा कि ‘अपने लिए कुछ मांगने से बेहतर मैं मरना समझूंगा।’ उन्होने कहा कि उनके और प्रदेश की जनता के बीच कभी भी ‘मुख्यमंत्री और जनता’ वाले रिश्ते नहीं रहे हैं और ये प्यार और विश्वास का रिश्ता हमेशा कायम रहेगा।
‘संतोष के साथ ले रहा हूं विदाई’
पत्रकारों को संबोधित करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि “मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार जो तेजी से काम चल रहे हैं उनको पूरा करेगी, लोककल्याणकारी योजनाओं को लागू करेगी और प्रगति और विकास की दृष्टि से मध्य प्रदेश नई ऊंचाई छुएगा। मैं सदैव उनको सहयोग करता रहूंगा। आज मेरे मन में एक संतोष का भाव है। 2003 में उमा जी के नेतृत्व में भारी बहुमत से बीजेपी की सरकार बनी थी और उसी सरकार का नेतृत्व कुछ समय बाद मैंने किया। 2008 में हम फिर सरकार में आए और 2013 में फिर भारतीय जनता पार्टी की सरकार भारी बहुमत से बनी। 2018 में वोट हमें ज्यादा मिले लेकिन सीटों के गणित में हम पिछड़ गए थे, मगर बाद में फिर हमने सरकार बनाई। और आज जब मैं यहां से विदाई ले रहा हूं तो मुझे इस बात का संतोष है कि 2023 में फिर भारी बहुमत से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है। मेरा मन आनंद और संतोष से भरा हुआ है। लाखों कार्यकर्ताओं के परिश्रम से, प्रधानमंत्री जी के आशीर्वाद और उनकी लोकप्रियता के कारण और केंद्र और राज्य की कल्याणकारी योजनाओं के कारण, जिसमें लाड़ली बहना का योगदान जबरदस्त है, ये सरकार बनी। मेरे मन में संतोष है..भारी बहुमत वाली सरकार..जिसे 48.55 परसेंट वोट मिले अब तक के सबसे ज्यादा, वो सरकार बनाकर मैं जाऊंगा।”
‘MP को अंधेरों के घेरों से निकालकर उजालों की नई दुनिया में लेकर आए’
उन्होने कहा कि “मुझे इस बात का भी संतोष है कि जब मध्यप्रदेश हमें मिला था तो एक पिछड़ा और बीमारू राज्य था, एक लंबा समय हमने विकास और प्रगति का तय किया। इन वर्षों में मैंने..मुझमें जितनी क्षमता थी, जितना सामर्थ्य था, पूरा झोंककर अपने प्रदेश के लिए और जनता के कल्याण के लिए काम करने की कोशिश की। मैं अपनी क्षमताओं को अनंत नहीं मानता, लेकिन जितनी भी थी मैंने पूरी प्रामाणिकता, पूरी ईमानदारी, पूरे परिश्रम के साथ प्रदेश का विकास और प्राणों से प्यारी जनता का कल्याण हो, इसमें अपने आप को झोंका। अंधेरों के घेरों से निकालकर उजालों की नई दुनिया में हम मध्य प्रदेश को लेकर आए। सामान्य शब्दों में अगर मैं सोचता हूं तो भट्टसुअर से शुरु हुआ सफर हमने मेट्रो ट्रेन तक पूरा किया। ये सारे काम मेरे मन को संतोष देते हैं और लगता है कि हम कुछ सार्थक कर पाए।”
दो महत्वपूर्ण बातों का उल्लेख किया
शिवराज ने कहा कि “मैं दो चीजों का उल्लेख और करूंगा। एक, महिला सशक्तिकरण मेरे लिए वोट प्राप्ति का जरिया नहीं है। वो मेरी अंतरआत्मा से निकला है क्योंकि बचपन से ही मैंने गांव में बेटियों की और बहनों की दुर्दशा देखी थी। इसीलिए बेटियों महिलाओं के लिए योजनाएं बनाई गई। ये योजनाएं बनाकर हम बेटियों और बहनों की जिंदगी में खुशी और परिवर्तन ला पाए। दूसरा, खेती के क्षेत्र में सिंचाई ने चमत्कार तो किया ही है, किसानों के लिए भी हम काफी काम कर पाए। गरीबों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाई बनाई गई। कोविड में जब मजदूर पैदल आ रहे थे तो मेरी अंतरात्मा ने कहा कि मध्य प्रदेश की धरती पर कोई मजदूर पैदल नहीं चलना चाहिए और हमने किसी को पैदल नहीं चलने दिया। कई ऐसे काम हैं जो हम कर पाए। आज एक संतोष के साथ, एक अच्छी सरकार और अच्छा नेतृत्व पार्टी ने तय किया है..उनको सौंपकर हम आगे का सफर प्रारंभ करेंगे।”
‘सबका धन्यवाद, किसी को तकलीफ पहुंची हो तो क्षमा’
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि “पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता के नाते, मैंने हमेशा कहा कि भारतीय जनता पार्टी मेरे लिए मिशन है, राष्ट्रीय पुनर्निर्माण का, जनता के कल्याण का, दरिद्र नारायण की सेवा का..वो काम लगातार चलता रहेगा। मैं अंत में इतना ही कहता हूं कि मुख्यमंत्री रहते हुए भी जनता से कभी मेरे रिश्ते ‘मुख्यमंत्री और जनता’ के नहीं रहे, परिवार के रिश्ते रहे हैं। मामा का रिश्ता है प्यार का रिश्ता और भैया का रिश्ता है विश्वास का रिश्ता। ये प्यार और विश्वास के रिश्ते को जब तक मेरी सांस चलेगी तब तक मैं टूटने नही दूंगा और उनकी सेवा में जो बेहतर बन पड़ेगा, वो करने का सदैव प्रयास करता रहूंगा क्योंकि जनता ही मेरे लिए सबकुछ है। जनता की सेवा भगवान की पूजा है।”
“मैं आज आभार प्रकट करता हूं अपने प्रधानमंत्री श्रीमान नरेंद्र मोदी जी का, केंद्रीय नेतृत्व का, प्रदेश के नेतृत्व का, प्रदेश अध्यक्ष का, प्रशासनिक मित्रों का और प्रदेश की जनता का। अपन उन सभी सहयोगियों का और समाज के हर वर्ग का ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूं जिन्होने सहयोग दिया। मेरे मंत्रिमंडल के सभी सहयोगियों का भी धन्यवाद। सीएम हाउस से लेकर जिलों तक जो साथी जुटे रहे उनको बारम्बार धन्यवाद। पत्रकार मित्रों के सकारात्मक सहयोग के लिए बहुत धन्यवाद। इतने लंबे कार्यकाल में अगर कोई चीज ऐसी हो गई हो मुझसे, मन में कभी मेरे कोई दुर्भावना नहीं रही, अगर कोई काम फैसले किए तो कर्तव्य के भाव से किए। अगर वो फैसला लेने से कहीं किसी को तकलीफ पहुंची, जनता को..सहयोगियों को..साथियों को..मित्रों को तो मैं उसके लिए भी क्षमाप्रार्थी हूं। पार्टी के एक विनम्र कार्यकर्ता के रूप में काम करता रहूंगा।”
‘पार्टी जो काम देगी, वो करूंगा’
पत्रकारों ने जब उनसे सवाल कि क्या आपने जो विकास का कार्य सोचा था वो पूरा हो गया है तो शिवराज ने कहा कि “काम कभी समाप्त नहीं होता विकास का एक चरण समाप्त होता है तो दूसरा प्रारंभ होता है। विकास की यात्रा अनंत है, अब तक हमने जो यात्रा तय की है वो संतोष देने वाला है। आगे मोहन जी के नेतृत्व में ये सफर और ऊंचाइयों पर जाएगा। जब उनसे पूछा गया कि अब आपकी भूमिका क्या होगी तो उन्होने कहा कि ‘एक कार्यकर्ता की भूमिका है मेरी। जब आत्मकेंद्रित होता है व्यक्ति जो उसको लगता है कि मैं कहां हूं। लेकिन भारतीय जनता पार्टी एक मिशन है..उसमें हर कार्यकर्ता के लिए कुछ न कुछ काम है। जो भी काम पार्टी देगी, वो मैं करूंगा।’ उन्होने कहा कि जिद जुनून जज्बा था और चुनाव के दौरान मैं दो घंटे से ज्यादा नहीं सोया। भारतीय जनता पार्टी की सरकार लाने की जिम्मेदारी सबकी थी लेकिन मेरी सबसे ज्यादा थी मुख्यमंत्री के नाते। मुझे लगता था कोई कसर नहीं रह जाए, 2018 की कसक मन में रह गई थी इसलिए मैंने प्राणपण से काम किया।”
नए मुख्यमंत्री से किया ये आग्रह
उन्होने कहा कि “मेरे बारे में कोई भी फैसला मैं नहीं करता..न कभी किया है। पहले भी कभी नहीं किया, आज भी नहीं किया और कल भी नहीं करूंगा। मेरी पार्टी करेगी।’ जब पत्रकारों ने पूछा कि आपकी एनर्जी का राज़ क्या है तो उन्होने कहा कि ‘जनता के प्रति मेरा कमिटमेंट, समर्पण और प्रतिबद्धता मुझे न थकने देती है न रूकने देती है।’ जब उनसे पूछा गया कि क्या आपका रिकॉर्ड कोई तोड़ सकता है तो उन्होने कहा कि रिकॉर्ड बनते ही हैं टूटने के लिए। पर्यावरण को लेकर उन्होने कहा कि मैं रोज एक पेड़ लगाता हूं और मैंने मुख्यमंत्री जी से ये आग्रह किया कि मुझे पेड़ जरुर लगाने दें, क्योंकि मैं घर पर रोज इतने पेड़ लगा नहीं सकता। मुझे सरकारी जमीन पर ही लगाने होंगे, इसके लिए जमीन उपलब्ध हो और वो ऐसी जगह हो जहां पेड़ सुरक्षित रहे इसके लिए मैंने मुख्यमंत्री जी से आग्रह किया है कि पेड़ लगाने के लिए जगह मिलती रहे।”
‘अपने लिए कुछ मांगने जाने से बेहतर मैं मरना समझूंगा’
शिवराज सिंह चौहान से पत्रकारों ने पूछा कि आपने कहा था ‘मैं दिल्ली नहीं जाऊंगा’ तो उन्होने कहा कि “मुझसे पूछा गया था और जो संदर्भ था मुझसे पूछा गया कि बाकी दिल्ली में हैं, आप दिल्ली जाएंगे क्या। एक बात मैं बड़ी विनम्रता के साथ कहता हूं..अपने लिए कुछ मांगने जाने से बेहतर मैं मरना समझूंगा..वो मेरा काम नहीं है। इसलिए मैंने कहा था मैं दिल्ली नहीं जाऊंगा।’ क्या आप लोकसभा चुनाव लड़ेंगे, इसे लेकर उन्होने कहा कि ये एक काल्पनिक सवाल है। मैंने पहले भी कहा है कि हम बीजेपी कार्यकर्ता एक बड़े मिशन के लिए काम करते हैं और मिशन तय करता है हम कहां रहेंगे। ये बड़ी घटिया सोच है ‘मैं कहां रहूंगा’ अब ऐसा आदमी कुछ नहीं कर सकता सिवा ये रोने-गाने के। मैं कहता हूं एक साधारण कार्यकर्ता को 18 साथ बीजेपी ने मुख्यमंत्री बनाकर रखा। मुझे भारतीय जनता पार्टी ने सबकुछ दिया..अब मुझे भारतीय जनता पार्टी को देने का वक्त आया है। उन्होने कहा कि मैं हमेशा व्यस्त रहा हूं और आगे भी रहूंगा। पार्टी जो काम देगी वो करूंगा, कई सामाजिक सरोकार हैं वो भी करना है। उन्होने आखिर में कहा कि ‘मध्य प्रदेश में बैठा हूं..मध्य प्रदेश कहां छूटेगा।”