भोपाल। मध्य प्रदेश की सियासत में कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर पिछले एक साल से उनके कांग्रेस से किनारा करने की अटकलें लगातार चल रही हैं। विधानसभा चुनाव जीतने के बाद सिंधिया को मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने के बाद इस अटकलों ने ज़ोर पकड़ा था। तब से अब तक अलग अलग मौके पर इस तरह की खबरें सामने आती रही हैं। लेकिन दिल्ली में कांग्रेस की ‘भारत बचाओ रैली’ में जिस अंदाज़ में सिंधिया गरजे हैं उससे साफ हो गया है वह कांग्रेस को छोड़कर कही जाने वाले नहीं है।
दरअसल, दिल्ली में कांग्रेस ने 14 दिसंबर को रामलीला मौदान में भारत बचाओ रैली का आयोजन किया था। जिसमें देश भर से कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शिरकत की थी। सिंधिया भी अपने लाव लश्कर के साथ पहुंचे थे। उन्होंने मंच से सभी को संबोधित किया और जमकर केंद्र सरकार पर गरजे। उन्होंने कहा कि, ‘ हिंदी फिल्म हम देखते हैं, लेकिन जब हिंदी फिल्म रियल लाइफ में तब्दील हो जाए तो कितनी दयनीय स्थिति उत्पन्न होगी। फिल्म में कुछ ऐसे दृश्य होंगे, जिसमें युवा बेरोजगार है, किसान कर्जदार है, गरीब लाचार घरेलू उत्पादन की दर नीचे गिर रही है. व्यापार पर तालाबंदी कर ठोक लग चुका है और बैंक घोटालों पर गरीब का पैसा चंदा के आधार पर वसूला जा रहा है, अगर यह फिल्म का दृश्य तो इस फिल्म का शीर्षक है सब कुछ ठीक है ऑल इज वेल ‘
उनका यह अंदाज़ देख राजनीतिक के पंडितों का कहना है कि सिंधिया ने उन सभी अटकलों पर फिलहाल विराम लगा दिया है जिसमें यह कहा जा रहा था वह कांग्रेस को छोड़ कर अन्य किसी दल या भाजपा में जा सकते हैं। इन अटकलों अधिक बल उनके द्वारा पूर्व में दिए गए बयानों के कारण मिला था। सिंधिया ने पार्टी लाइन से हटकर धारा 370 हटाए जाने का स्वागत किया था। जबकि कांग्रेस ने इस फैसले का जमकर विरोध किया था। वहीं, प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाए जाने को लेकर भी सिंधिया कई दिनों तक पार्टी से खफा दिखे और उन्होंने दूरी भी बनाए रखी थी। उनके समर्थकों का विरोध देखते हुए पार्टी को पीसीसी का फैसला टालना पड़ा था। पिछले दिनों उनके ट्वीटर प्रोफाइल में बदलाव करने पर भी बवाल हुआ| लेकिन दिल्ली में उनके तेवर देख इस बात पर मुहर लग गई है वह फिलहाल कांग्रेस को छोड़कर नहीं जाने वाले हैं।