बालाघाट, सुनील कोरे । कहते हैं ना प्रतिभायें, किसी की मोहताज नहीं होती। किसी भी समय, किसी भी उम्र में निखर जाती हैं। बस कुछ कर दिखाने का जज्बा हो। कोरोना महामारी (corona pandemic) के दौरान लगे लॉकडाउन (lockdown) में लोगों ने बहुत सारे निजी काम निपटाये। कुछ लोग जो वर्षों से परिवार को समय नहीं दे पा रहे थे, वह लोग परिवार के साथ रहे, वहीं कुछ लोगों ने फिटनेस पर भी जोर दिया। यहीं नहीं कुछ ने जुगाड़ पर काम किया और वह जुगाड़ भी कामयाब रहें। बात करें बालाघाट (Balaghat) जिले के लालबर्रा ब्लॉक ग्राम मोहगांव (जाम) निवासी स्व. राकेश कटरे के 15 वर्षीय युवक अभिषेक कटरे की तो, उसके द्वारा लॉकडाउन में नये आविष्कार (Invention) से लोगों को हतप्रभ और अचंभित कर दिया है। छात्र अभिषेक ने अपनी कड़ी मेहनत एवं लगन से ई-साइकिल बनाई है, जो एक बार चार्ज करने पर 30 किमी तक चलती हैं।
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लालबर्रा मुख्यालय के लिटिल स्टार कान्वेंट इंग्लिश स्कूल में कक्षा ग्यारहवीं में गणित संकाय के अध्ययनरत छात्र अभिषेक कटरे के सिर से ढाई वर्ष की उम्र में ही पिता का साया उठ गया । जिसके बाद माता के साये में पले-बढ़े अभिषेक ने 2 वर्ष पूर्व ही ई-साइकिल बनाने का सपना देखा था, किंतु आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के कारण वह अपने इस काम को अंजाम नहीं दे पाया। जो उसने लॉकडाउन के दौर में पूरा कर दिखा दिया है कि प्रतिभायें किसी परिचय की मोहताज नहीं होती है। आज उसे, उसकी इस उपलब्धियों पर बधाई देने वाला का तांता लगा है और छात्र अभिषेक के प्रयास को जमकर सराहना भी मिल रही है।
बताया जाता है कि लॉकडाउन के दौरान घर पर ही रहकर समय का सदुपयोग करते हुए अपनी मां से मिले पैसों से उसने अपनी पुरानी सायकिल को ई-सायकिल बनाकर ही दम लिया। मां ने भी बच्चे के सपने को पूरा करने के लिए उसे पैसों की कमी नहीं होने दी ओर बेटे के नये अविष्कार के प्रति उसके जुनुन को देखते हुए ई-साइकिल बनाने में उपयोग होने वाले खर्च का पूरा जिम्मा उठाया।
महंगाई के इस दौर में मां के दिये हुए पैसे से भी ई-साइकिल बनाने में लगने वाली संपूर्ण सामग्री नहीं खरीदी जा सकी तो अभिषेक ने अपने मामा से आर्थिक सहयोग लिया। भांजे अभिषेक की लगन एवं मेहनत को देखकर मामा ने अपने भांजे को लगभग 7 से 8 हजार रूपये दिये, ताकि वह सामग्री बुलवा सके। ई-सायकिल बनाने रूपयों की व्यवस्था होने के बाद अभिषेक ने ई-साइकिल में लगने वाली संपूर्ण सामग्री ऑनलाइन के माध्यम से बुलवाकर अपनी पुरानी घर पर रखी साइकिल को ई-साइकिल में बदलकर लोगों को बता दिया कि वह कुछ कर सकता है। छात्र अभिषेक की इस छोटी उम्र में किये गये कारनामे को देखने के लिए ग्रामीणों सहित आसपास के लोगों उसके घर पहुंच रहे है। जिसकी क्षेत्रभर में जमकर प्रशंसा भी हो रही है और अभिषेक के उज्जवल भविष्य की कामना भी की जा रही हैं।
ई-साइकिल के बाद इलेक्ट्रॉनिक धान काटने की मशीन बनाने पर फोकस
15 वर्षीय अभिषेक कटरे ने बताया कि बढ़ते पेट्रोल डीजल की मूल्य वृद्धि को देखते हुए मेरे द्वारा ई-साइकिल बनाने का छोटा सा प्रयास किया गया। जो सफल रहा हैं। जिसका मुख्य उद्देश्य यह है कि आम जनता को महंगाई के इस दौर में पेट्रोल डीजल के दामों से निजात मिल पायेगी और पर्यावरण प्रदूषण भी नहीं होगा। मेरे द्वारा बनाई गई ई-साइकिल का वर्तमान बाजार मूल्य 30 से 35 हजार रूपये है। जबकि ई-साइकिल बनाने में साइकिल सहित लगभग 20,000 रूपए का खर्च आता हैं। आगामी दिनों में मेरे द्वारा इलेक्ट्रॉनिक धान काटने की मशीन बनाने का प्रयास किया जा रहा है इसके अलावा सौर ऊर्जा से चलने वाली वाशिंग मशीन भी बनाई जायेगी।
गांव एवं समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बने अभिषेक-देशमुख
वरिष्ठ कांग्रेसी एवं पूर्व सरपंच बैनसिंह देशमुख ने कहा कि छोटे से परिवार में जन्मे अभिषेक ने अपनी कड़ी लगन व मेहनत से पुरानी साइकिल को ई-साइकिल में परिवर्तित कर गांव एवं समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बन गये हैं। शासन स्तर पर ई-साइकिल को प्रोत्साहित करना चाहिये, जिससे ग्रामीण इलाके के आमजनों को पेट्रोल डीजल की मूल्य वृद्धि से निजात मिल सके। उन्होंने बताया कि अभिषेक के पिता की 12 वर्ष पूर्व मृत्यु हो चुकी हैं। इनकी माताजी आंगनवाड़ी सहायिका है। जो अपने दोनों बच्चों के साथ रहती हैं। अभिषेक पढ़ाई में भी काफी अच्छा है और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी हमेशा आगे रहता है।
बधाई देने पहुंचे जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीण
मोहगांव (जाम) निवासी 15 वर्षीय छात्र अभिषेक कटरे द्वारा ई-साइकिल बनाने की खबर ग्राम सहित आसपास के गांवों में आग की तरह फैल गई और इस साइकिल को देखने के लिए उनके निवास पर लोगों का आना शुरू हो गया। अभिषेक की इस उपलब्धि पर दादा डोमाजी कटरे, माता श्रीमती सुनीता कटरे, बहन सुश्री प्रिया कटरे, पवार समाज ब्लॉक उपाध्यक्ष राधेश्याम बिसेन, वरिष्ठ कांग्रेसी व पूर्व सरपंच डॉक्टर बैनसिंह देशमुख, मामा जी कमलेश चौधरी, लेखचंद राहंगडाले, सेवा दल प्रमुख नरेंद्र पटले सहित अन्य चित परिचित, नाते रिश्तेदार एवं क्षेत्रीयजनों ने उसकी प्रशंसा एवं उज्जवल भविष्य की कामना की है।