भोपाल| कमलनाथ मंत्रिमंडल के गठन के बाद अब नए मंत्रियों को विभागों का बंटवारा किया जाएगा| मंगलवार को शपथ ग्रहण के बाद देर रत तक मंत्रियों के विभागों पर चर्चा हुई है| लेकिन कुछ मंत्रियों के विभाग तय नहीं होने से विभागों का फैसला टल गया है| अब बुधवार को सभी मंत्रियों को विभाग बांटे जाने की संभावना है| जातीय एवं क्षेत्रीय संतुलन के साथ ही 2019 के राजनीतिक समीकरण साधते हुए तैयार हुई कमलनाथ की टीम में वरिष्ठ नेताओं को प्रमुख विभाग मिलने की संभावना है| वहीं विभागों को लेकर भी नेताओं ने अपना जोर लगाया है| हालाँकि दिल्ली में कमलनाथ मंत्रिमंडल के नामों के साथ ही विभागों को लेकर भी चर्चा हो चुकी है| इसके बाद मंगलवार को भी सभी मंत्रियों से उनकी पसंद मांगी गई थी| अब योग्यता और क्षमता के अनुसार कमलनाथ विभागों का बँटवारा करेंगे|
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दोपहर को मंत्रालय, नए वल्लभ भवन – 2, के पांचवे तल स्थित मीटिंग हाल में सभी विभागो के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव एवं सभी विभागों के विभागाध्यक्षो की एक परिचयात्मक बैठक बुलाई है । इस बैठक के बाद कैबिनेट की बैठक कैबिनेट कक्ष में संपन्न होगी इसमें ऊर्जा विभाग के विषय पर चर्चा होगी। इस बैठक में सिर्फ एक ही एजेंडे पर चर्चा होगी| इसके बाद अगले दिन कैबिनेट की बैठक होगी जिसमे बड़े प्रस्तावों पर चर्चा की जायेगी| खाद और कोयला की समस्या को लेकर कमलनाथ बड़े फैसले कर सकते हैं| संभावना है कि कैबिनेट बैठक से पहले मंत्रियों के विभाग फाइनल किये जा सकते हैं| सूत्रों के मुताबिक, बाला बच्चन, गोविन्द सिंह जयवर्धन सिंह, तरुण भनोट और जयवर्धन सिंह को प्रमुख विभागों की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है| वहीं मुख्यमंत्री भी अपने पास गृह या वित्त जैसे विभाग रख सकते हैं| सीएम नए मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे इसके बाद विभागों का बंटवारा होगा|
जयवर्धन यंग मिनिस्टर, सबसे बुजुर्ग पीसी शर्मा
कमलनाथ मंत्रिमंडल में युवा चेहरों को मौक़ा मिला है| वर्ष 2013 में शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद 23 सदस्यों का मंत्रिमंडल बनाया था, जिसमें चार राज्यमंत्री थे। इस मंत्रिमंडल की औसत उम्र 60 वर्ष थी। कमलनाथ सरकार के 28 मंत्रियों की औसत उम्र 52 साल है। इसमें उल्लेखनीय यह है कि दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह सिर्फ 32 वर्ष के और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव के भाई सचिन यादव महज 36 वर्ष के हैं। दोनों दूसरी बार विधायक चुने गए हैं। वहीं 2013 में जब शिवराज सिंह ने 23 सदस्यीय मंत्रिमंडल बनाया था, तब 84 साल के बाबूलाल गौर और 73 साल के सरताज सिंह सबसे बुजुर्ग मंत्री बने थे। सबसे कम 47 साल के लालसिंह आर्य और 49 वर्ष के सुरेंद्र पटवा युवा मंत्री थे।