भोपाल।
अभी तक प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के बीच गुटबाजी दिखाई देती रही है, लेकिन अब सरकार के मंत्रियों के बीच भी गुटबाजी सामने आई है। पिछले हफ्ते तक राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत मुख्यमंत्री कमलनाथ से सीधे टकरा रहे थे। वे मुख्यमंत्री को लेकर दिए जाने वाले बयानों की वजह से सुर्खियों में थे। अब वे अपने ही विभाग के अधिकारी से टकरा गए हैं। चार दिन बाद भी वे तहसीलदार को निलंबित नहीं कर पाए हैं। सीहोर कलेक्टर अजय गुप्ता ने भी तहसीलदार के निलंबन संबंधी किसी भी प्रस्ताव के होने से इंकार किया है। ऐसे में अब मंत्री की ताकत पर सवाल उठ रहे हैं। इसे सरकार की आपसी गुटबाजी से जोड़कर देखा जा रहा है।
दरअसल, गोविंद सिंह राजपूत कमलनाथ सरकार में ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे से मंत्री हैं। पिछले दिनों सिंधिया खेमे के मंत्रियों ने अलग से बैठक की थी। पिछली बैठक में सिंधिया गुट के मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का कमलनाथ खेमे के मंत्री सुखदेव पांसे से विवाद भी हुआ था। इसके बाद सिंधिया गुट के मंत्रियों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को लेकर बयानबाजी की थी। उन्होंने मुख्यमंत्री पर मिलने के लिए समय नहीं देने और अधिकारियों पर बात नहीं सुनने के आरोप लगाए थे। साथ ही तब मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि अधिकारियों को सुनना पड़ेगी और मुख्यमंत्री को समय भी देना पड़ेगा।
यह मामला ठंडा नहीं उससे पहले ही गोविंद सिंह राजपूत अपने विशेष सहायक कमल नागर की वजह से विवादों में घिर गए है। दरअसल तीन दिन पहले उन्होंने सीहोर तहसील कार्यालय का औचक निरीक्षण किया, इस दौरान मंत्री अपने ओएसडी के साथ तहसीलदार कोर्ट में जाकर बैठ गए। जिसको लेकर मंत्री और उनके ओएसडी की आलोचना भी हुई। किसानों से जुड़े कार्यों में लेटलतीफी और लापरवाही की वजह से मंत्री ने तहसीलदार को निलंबित करने के निर्देश दिए थे। अभी तक किसी को भी निलंबित नहीं किया गया है। सीहोर कलेक्टर अजय गुप्ता ने तो स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि उन्हें तहसीदार के निलंबन का अधिकार नहीं है। राजस्व मंत्री के निर्देश पर अमल नहीं होने को कमलनाथ सरकार में अंदरूनी तौर पर चल रही गुटबाजी से जोड़कर देखा जा रहा है। क्योंकि दूसरे गुट सिंधिया गुट के मंत्रियों को पॉवरलेस दिखाना चाहते हैं। हालांकि मंत्री की ओर से अभी तक इस संबंध में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
कलेक्टर ने किया दो टूक इंकार
परिवहन व राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत द्वारा सीहोर तहसीदार सुधीर कुशवाह को निलंबित करने के निर्देश जारी करने के विरोध में तहसीलदार व नायब तहसीलदार संघ ने हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी थी। इसके बाद सरकार बैकपुट पर आ गईं। यही वजह मानी जा रही है कि तहसीलदार व नायब तहसीलदारों की हड़ताल पर जाने की चेतावनी के तीसरे दिन मंत्री के निर्देश पर कुशवाह को निलंबित नहीं किया जा सका है। सीहोर कलेक्टर अजय गुप्ता का कहना है कि उनके पास तहसीलदार को निलंबित करने का अधिकार नहीं है। मंत्री ने कलेक्टर से निलंबन प्रस्ताव मांगा है।
निलंबन आदेश निकलते ही हड़ताल पर जाएंगे
मप्र राजस्व अधिकारी कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह ठाकुर का कहना है कि निलंबन का आदेश मिलते ही काम बंद कर देंगे। राजस्व अधिकारी कर्मचारी संघ ने दो दिन पहले मुख्यमंत्री, सीहोर के प्रभारी मंत्री, मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा कि मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने शिकवा-शिकायतों के आधार पर औचक निरीक्षण कर कार्रवाई की बात कही है। तहसीलदार पद की गरिमा के खिलाफ भी कुछ बातें कही हैं, जिससे तहसीलदारों के मान सम्मान को ठेस पहुंची है।