भोपाल| मध्य प्रदेश में किसानों की कर्जमाफी के वचन पर सरकार में सफल हुई कांग्रेस ने 31 मार्च 2018 तक की कर्जमाफी की समयसीमा बढ़ाकर 12 दिसंबर, 2018 कर दिया है| मंत्रियों को विभागों के बंटवारे के बाद शनिवार सीएम कमलनाथ की अध्यक्षता में हुई पहली कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई है| अब मुख्य फसल ऋण माफी योजना में किसानों का दो लाख तक का कर्जा माफ किया गया है। पहले 31 मार्च, 2018 तक जिन किसानों ने लोन किया था, उन्हें शामिल किया गया था, लेकिन अब योजना का लाभ 12, दिसंबर 2018 के बीच लोन लेने वाले किसान भी शामिल होंगे। कर्जमाफी के वचन को पूरा कर जहां कांग्रेस उत्साहित है वहीं बीजेपी इसके पीछे उनका दवाब में कांग्रेस द्वारा लिया गया फैसला बता रही है| पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसान कर्जमाफी के लिए 31 मार्च 2018 तक की समयसीमा बढ़ाकर 12 दिसंबर, 2018 किया जाना हमारे संघर्षों की और किसान भाइयों की जीत है। इसके साथ में उन्होंने पाला गिरने से हुए नुकसान की भरपाई की भी मांग की है|
दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट बैठक में कर्जमाफी के प्रस्ताव को लेकर ट्वीट किया है| उन्होंने लिखा है किसान कर्जमाफी के लिए 31 मार्च 2018 तक की समयसीमा बढ़ाकर 12 दिसंबर, 2018 किया जाना हमारे संघर्षों की और किसान भाइयों की जीत है। अब मेरी मांग है कि सरकार पूरे प्रदेश में जहाँ-जहाँ पाला गिरने से फ़सलों का नुक़सान हुआ है उस की भरपाई के लिए भी तुरंत कार्यवाही करे।
बता दें कि इस योजना से पूरे प्रदेश के 55 लाख किसानों को फायदा मिलेगा। सरकार ने सबसे ज्यादा जोर लघु और सीमांत किसानों को फायदा पहुंचाने पर दिया है। लगभग 35 लाख ऐसे किसानों का कर्जा माफ होगा। फिर चाहें किसानों ने सहकारी, सार्वजनिक क्षेत्र या क्षेत्रीय बैंकों से कर्ज लिया हो। हालांकि, आयकर भरने वाले किसानों (जिनके आय के दूसरे स्रोत भी हैं और टैक्स भरते हैं) का कर्जा माफ नहीं होगा। मंत्री जीतू पटवारी ने बताया कि इसमें सीमांत और लघु किसानों को शामिल किया गया है। कर्जमाफी योजना के क्रियान्वयन के लिए विकास खंड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) जिम्मेदार होंगे। 22 फरवरी से ऋण मुक्ति के प्रमाणपत्र और किसानों के खाते में पैसा भेजा जाएगा।