भोपाल। लोकसभा चुनाव से पहले कमलनाथ सरकार एक के बाद एक वादों को पूरा करने में जुटी हुई है। सरकार की मंशा आचार संहिता से पहले ज्यादा से ज्यादा वादों को पूरा करने की है ताकी जनता के बीच इन्हें भुनाया जा सके और ‘विन 29 ‘ मिशन में इसका फायदा मिल सके। इसके लिए सरकार ने 38 जिलों में ठेकेदारों से पोषण आहार लेने का फैसला किया है।इस संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है जो आगामी कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा, मंजूरी मिलते ही इसे पूरे प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा।
दरअसल, विधानसभा चुनाव से पहले शिवराज सरकार ने स्व-सहायता समूहों से पोषण आहार तैयार कराकर आंगनबाड़ियों में सप्लाई कराने का फैसला लिया था, लेकिन इसी बीच चुनाव हो गए और सत्ता परिवर्तित हो गई और बात बीच में ही अटक गई। अब प्रदेश की कमलनाथ सरकार इस फैसले को अपने तरीके से पूरा करने जा रही है।सरकार ने फैसला किया है कि वह 38 जिलों के ठेकेदारों से पोषण आहार लेगी। इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जो अगली कैबिनेट की बैठक में मंजूरी के लिए रखा जाएगा। सरकार के इस फैसले के बाद आंगनबाड़ियो की व्यवस्था में सुधार होगा और कुपोषण में भी सहायता मिलेगी।
देवास का सरकारी पोषण आहार प्लांट फरवरी में सप्लाई शुरू नहीं कर पाया। मप्र राज्य आजीविका मिशन ने दिसंबर 2018 में ही इस प्लांट से सप्लाई शुरू करने का दावा किया था। इस आधार पर महिला एवं बाल विकास विभाग ने 1300 से 1600 मीट्रिक टन पोषण आहार सप्लाई का ठेका आजीविका मिशन को देते हुए फरवरी से सप्लाई मांगी थी, लेकिन मिशन सप्लाई नहीं दे पाया। हालांकि मार्च से नियमित सप्लाई का वादा किया गया है। इस प्लांट से देवास, उज्जैन सहित आसपास के नौ जिलों की आंगनबाड़ियों में पोषण आहार दिया जाएगा।
खास बात यह है कि यह आहार ठेकेदारों से परमानेंट नही लिया जाएगा। इसके लिए विभाग ने यह शर्त रखी है कि पहले छह माह के लिए टेंडर जारी किया जाएगा और जैसे-जैसे सरकारी प्लांटों से सप्लाई शुरू होगी, उस क्षेत्र में ठेकेदारों से आहार लेना बंद कर दिया जाएगा।आजीविका मिशन के अफसरों का कहना है कि मार्च अंत तक होशंगाबाद प्लांट से सप्लाई शुरू हो जाएगा और अगले माह धार प्लांट भी उत्पादन शुरू कर देगा। जबकि अन्य पांच प्लांट मई तक उत्पादन और सप्लाई शुरू कर देंगे।