Guru Gobind Singh Jayanti : आज सिख धर्म के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती ‘प्रकाश पर्व’ के रूप में पूरे देश में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई जा रही है। गुरु गोबिंद सिंह जी ने समाज में जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव को खत्म करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना के समय यह सुनिश्चित किया कि हर व्यक्ति समान है, चाहे वह किसी भी जाति, धर्म या लिंग से संबंध रखता हो।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने आज शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि ‘दसवें गुरु परम श्रद्धेय गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। आपका शौर्य, त्याग, परोपकार एवं प्रखर विचार हम सभी के लिए विश्व कल्याण के प्रति स्नेह, सहयोग और समर्पण की प्रेरणा के अनंत स्रोत बने रहेंगे। मेरी प्रार्थना है कि यह पर्व आप सभी के जीवन को ज्ञान, सुख- समृद्धि से आलोकित करे।’
साहस और बलिदान का प्रतीक है गुरु गोबिंद सिंह जी का जीवन
गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म 22 दिसंबर 1666 को पटना साहिब, बिहार में हुआ था। उनका जन्म एक ऐतिहासिक समय में हुआ था जब भारत में मुगल साम्राज्य का शासन था और सिखों पर कई तरह के अत्याचार हो रहे थे। गुरु गोबिंद सिंह जी के पिता, गुरु तेग बहादुर जी ने धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। इस बलिदान के बाद गुरु गोबिंद सिंह जी ने दस वर्ष की आयु में सिखों के दसवें गुरु के रूप में गद्दी संभाली। गुरु गोबिंद सिंह जी का जीवन साहस, बलिदान और समर्पण का प्रतीक है।
प्रकाश पर्व : गुरु गोबिंद सिंह जी की शिक्षा याद करने का अवसर
गुरु गोबिंद सिंह जी ने 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की। इस दिन बैसाखी थी और गुरु गोबिंद सिंह जी ने आनन्दपुर साहिब में एक ऐतिहासिक सभा का आयोजन किया। इस सभा में गुरु जी ने अपने अनुयायियों के सामने एक विशेष धर्म, जो पूर्ण रूप से धार्मिक और शारीरिक रूप से सशक्त हो, की स्थापना की घोषणा की। इस दिन को “खालसा पंथ की स्थापना” के रूप में मनाया जाता है। खालसा पंथ का उद्देश्य था सिखों को एकजुट करना और उन्हें धर्म और समाज की रक्षा के लिए तैयार करना। गुरु जी ने खालसा के अनुयायियों को पांच ककारों का पालन करने का आदेश दिया जो केश, कड़ा, कृपाण, कच्छा और कंघा हैं। उनका जीवन एक आदर्श है जो सिखाता है कि धर्म, सत्य, न्याय और सेवा के मार्ग पर चलने से ही समाज में वास्तविक परिवर्तन लाया जा सकता है। गुरु गोबिंद सिंह जी की शिक्षाएं आज भी हमारे समाज को राह दिखाती हैं।
दसवें गुरु परम श्रद्धेय गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
आपका शौर्य, त्याग, परोपकार एवं प्रखर विचार हम सभी के लिए विश्व कल्याण के प्रति स्नेह, सहयोग और समर्पण की प्रेरणा के अनंत स्रोत बने रहेंगे। मेरी प्रार्थना है कि यह पर्व आप सभी के जीवन को… pic.twitter.com/fRQSmsb0kQ
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) January 6, 2025