भोपाल| लोकसभा चुनाव में मिली बड़ी जीत के बाद मोदी कैबिनेट में शामिल होने के लिए नेताओं की कवायद शुरू हो गई है। नए मंत्रिमंडल के लिए गुरुवार को आयोजित होने वाले शपथ ग्रहण समारोह से पहले मंगलवार की शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बीच लंबी बैठक हुई। माना जा रहा है कि इस बैठक में मंत्रिमंडल के स्वरूप को लेकर पूरा खाका तैयार कर लिया गया है। मंत्रिमंडल में किस किसको मौका मिलेगा इसको लेकर सस्पेंस हैं वहीं सबसे बड़ी चर्चा यह है कि खुद भाजपा अध्यक्ष शाह मंत्रिमंडल में शामिल होंगे या नहीं। भाजपा सूत्रों के मुताबिक, 30 मई को प्रधानमंत्री मोदी के साथ 65 मंत्री शपथ ले सकते हैं। इनमें 40% नए चेहरे शामिल होंगे। वहीं मध्य प्रदेश में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया है, जिसके चलते इस बार भी मोदी की टीम में मध्य प्रदेश का दबदबा रहेगा|
मध्य प्रदेश से इस बार चार से छह सांसद मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं| लोकसभा चुनाव में भाजपा ने मध्य प्रदेश में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए 29 में से 28 सीटों पर जीत दर्ज की है। ऐसे में 28 सांसदों में से कई ऐसे चेहरे हैं जो इस बार मोदी मंत्रिमंडल में नजर आ सकते हैं। इस लोकसभा चुनाव में प्रदेश से दो शीर्ष पूर्व महिला सांसद सुमित्रा महाजन और सुषमा स्वराज का प्रतिनिधित्व कम होगा। महाजन लोकसभा अध्यक्ष रहीं, वहीं स्वराज विदिशा से सांसद होते हुए विदेश मंत्री रही हैं। पिछली कैबिनेट में मप्र के खाते में पांच केंद्रीय मंत्री के पद रहे हैं।
मोदी की टीम में अनुभव, योग्यता के आधार पर सांसदों को शामिल किया जाएगा| वरिष्ठता के आधार पर मंत्री बनने की दौड़ में प्रदेश के आधा दर्जन नेताओं के नाम शामिल हैं। इनमे��� केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, थावरचंद गेहलोत, डॉ. वीरेंद्र कुमार, प्रहलाद सिंह पटेल और रीति पाठक का नाम है| आदिवासी वर्ग से फग्गन सिंह कुलस्ते और पहली बार सांसद बने जीएस डामोर के नाम भी चर्चा में हैं। वहीं इस बात की भी चर्चा है कि चौथी बार सांसद बने राकेश सिंह को कैबिनेट में शामिल नहीं किया जाएगा। हाईकमान उन्हें संगठन में ही रखना चाहता है। क्यूंकि कैबिनेट में मंत्री बनाया गया तो प्रदेश की कमान किसी अन्य को सौंपनी होगी| फिलहाल इस तरह के फैसले से हाईकमान बचना चाह रही है| भाजपा अध्यक्ष अमित शाह बड़े राज्यों के अध्यक्षों को बदलने के मूड में नहीं है। भाजपा की नजर प्रदेश में होने वाले आगामी नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों पर है। पिछली सरकार में कुछ समय के लिए आदिवासी नेता फग्गन सिंह कुलस्ते भी कैबिनेट में शामिल थे। इनके अलावा नरेंद्र सिंह तोमर, थावरचंद गेहलोत, डॉ. वीरेंद्र कुमार भी मोदी कैबिनेट के मेंबर रहे हैं। इसके अलावा इस बार नए सांसदों को मौका दिया जाएगा|
मोदी की टीम में शामिल हो सकते हैं यह चेहरे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के विश्वास पात्र नरेंद्र सिंह तोमर इस बार भी केंद्रीय मंत्री मंडल का हिस्सा होंगे इसकी प्रबल संभावना है, क्योंकि इसके पहले के कार्यकाल में तोमर के पास हैवीवेट मंत्रालय थे, जहाँ उन्होंने बेहतरीन परिणाम दिया था। इसके अलावा वीरेंद्र खटीक जो अनुसूचित जाति से प्रतिनिधित्व करते हैं और लो प्रोफाइल रहकर अपना काम पूरी शिद्दत से करते हैं, पिछले मंत्रिमंडल ���ें भी शामिल थे और उनके काम से प्रधानमन्त्री संतुष्ट भी थे लिहाजा एक बार फिर उन्हें स्थान दिया जा सकता है। इसके अलावा वरिष्ठ नेता थावरचंद गहलोत ओर सीधी से फिर से सांसद चुनी गईं रीती पाठक इस बार मोदी कैबिनेट में शामिल होकर लोगों को चौंका सकती हैं। रीती पाठक को मंत्रिमंडल में शामिल कर भाजपा नेतृत्व विंध्य को प्रतिनिधित्व का मौका दे सकता है। विधानसभा चुनाव में विंध्य ही ऐसा अंचल था जहाँ पार्टी ने कांग्रेस के मुकाबले ज्यादा सीटें प्राप्त की थीं, लेकिन प्रदेश में सरकार नहीं बनने पर कार्यकर्त्ता उपेक्षित महसूस कर रहे हैं ,लिहाजा रीति पाठक को महिला चेहरे के रूप में शामिल किये जाने पर विचार किया जा सकता है। दमोह से सांसद चुने गए प्रहलाद पटेल को इस बार मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। अटल कैबिनेट में मंत्री रह चुके प्रहलाद पटेल पांचवीं बार सांसद चुने गए हैं। सतना सतना सांसद गणेश सिंह को भी मंत्रीमंडल में शामिल किया जा सकता है| इसके अलावा अमित शाह ओर मोदी किसी एक नए चेहरे को भी मौका देकर चौंका सकते हैं|