भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। शिवराज मंत्रिमंडल (shhivraj cabinet) के सदस्य और सिंधिया के समर्थक माने जाने वाले दो मंत्री जल्द अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को सौंप सकते हैं। दरअसल प्रदेश की महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी और कृषि राज्य मंत्री गिर्राज दंडोतिया चुनाव हार गए हैं। इन दोनों को 2 जुलाई 2020 को बिना विधायक बने ही मंत्री बनाया गया था और संविधान में यह प्रावधान है कि किसी भी ऐसे व्यक्ति को जो बिना विधायक बने मंत्री बनाया जाता है, छह महीने के भीतर विधान परिषद या विधानसभा का सदस्य होना अनिवार्य है। ऐसा न होने पर छह महीने के बाद उसका कार्यकाल समाप्त हो जाएगा।
इमरती और गिर्राज दंडोतिया का कार्यकाल एक जनवरी 2021 को खत्म होगा। लेकिन यह दोनों विधानसभा का उपचुनाव हार चुके हैं, इसलिए अब इस बात की व्यापक संभावना है कि एक या दो दिन के भीतर यह लोग इस्तीफा दे सकते हैं। दरअसल प्रदेश के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री एंदल सिंह कंसाना चुनाव हारने के तुरंत बाद अपना इस्तीफा सौंप चुके हैं। इसलिए नैतिकता के आधार पर इमरती और गिर्राज दंडोतिया पर भी इस्तीफे देने का दबाव बन रहा है। जल्द ही यह दोनों मंत्री मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात करेंगे और इन दोनों को इस बात की सलाह दी जाएगी कि वह भी अपना इस्तीफा सौंप दें। इस बात की भी व्यापक संभावना है कि इमरती देवी सुमन को सरकार संगठन या किसी निगम या मंडल में महत्वपूर्ण जवाबदेही सौप सकती है ताकि उनकी उपयोगिता का प्रभावी ढंग से प्रयोग किया जा सके।
इन दोनों मंत्रियों के इस्तीफे देने के बाद अब मंत्रिमंडल में कुल चार स्थान खाली हो जाएंगे जिन्हें भरने के लिए शिवराज सिंह चौहान के पास में दावेदारों की एक लंबी फेहरिस्त है। इनमें सिंधिया के कुछ समर्थक भी अपनी ताल मंत्री पद के लिए ठोक सकते हैं जबकि पहले से ही राजेन्द्र शुक्ला, केदार शुक्ला, गिरीश गौतम, अजय विश्नोई, संजय पाठक ,यशपाल सिसोदिया ,रामेश्वर शर्मा, प्रदीप लारिया ,शैलेंद्र जैन, सीताशरण शर्मा ,रामपाल जैसे वरिष्ठ लोग मंत्री पद की बाट जो रहे हैं। ऐसे में शिवराज मंत्रिमंडल का जल्द विस्तार (cabinet expansion) करेंगे, ऐसा लगता नहीं है।