MP: इन तीन सीटों पर कांग्रेस-बीजेपी में फंसा पेंच, फतह के लिए झोंकी ताकत

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भोपाल। सोमवरा को मध्य प्रदेश में दूसरे चरण के लिए लोकसभा चुनाव होने हैं। प्रदेश की सात सीटों पर वोटिंग होगी। इस बार कांग्रेस और बीजेपी में सीधा मुकाबला देखने को मिल रहा है। मतदान होने वाली सात से तीन सीटें ऐसी हैं जहां हार जीत के लिए दोनों पार्टी के उम्मीदवारों को संघर्ष करना पड़ रहा है। किसी भी दल को साफ तौर पर जीत मिलती नहीं दिख रही है। बुंदेलखंड क्षेत्र से टीकमगढ़, दमोह और खजुराहो और विंध्य से रीवा, सतना के साथ होशंगाबाद और बैतूल लोकसभा सीट पर मतदान होना है। इन सात सीटों से तीन पर बीजेपी और कांग्रेस पर काफी करीबी मामला है। दमोह, खजुराहो और सतना सीट शामिल है।

हालांकि, बीजेपी टीकमगढ़ में अपनी जीत को लेकर सुनिश्चित है। रीवा में भी बीजेपी काफी मज़बूत दिखाई पड़ रही है। होशंगाबाद और बैतूल लोकसभा सीट पर मोदी लहर का प्रभाव होने के कारण यहां भी बीजेपी जीत की उम्मीद लगाए हैं। 2014 में बीजेपी ने यहां सातों सीट जीती थीं। लेकिन विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बैतूल, दमोह और टीकमगढ़ में काफी अच्छी बढ़त मिली है। बीजेपी इस बार भी पीएम मोदी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ रही है नहीं कांग्रेस जातिगत समीकरण की रणनीति तैयार कर चुनावी रण में है। 

दमोह: दमोहा लोकसभा सीट से बीजेपी ने वर्तमान सांसद प्रहलाद पटेल को एक बार फिर मौका दिया है। यहां से कांग्रेस ने प्रताप लोधी को अपना उम्मीदवार बनाया है। इस क्षेत्र में लोधी समाज निर्णायक भूमिका में रहता है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों के ही उम्मीदवार लोधी समाज से आते हैं। ऐसे में वोटों का ध्रुविकरण होना पक्का है। बीजेपी प्रत्याशी प्रहलाद पटेल को लेकर स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी है, वह ज्यादाकर समय दिल्ली में रहते हैं और जनता से लगातार हो रही दूरी के कारण उनकी छवि खराब हो रही है। वहीं, प्रताप को उनके स्थानीय होने का लाभ भी मिल सकता है। प्रहलाद ���मोह से नहीं हैं। जिसे लेकर उनके खिलाफ विरोध भी हो चुका है। कांग्रेस ने लोधी समाज और स्थानीय मुद्दे पर रणनीति तैयार कर प्रताप को बीजेपी की मोर्चाबंदी करने के लिए उतारा है। 

सतना: कांग्रेस ने यहां से पहली बार ब्रहमण कार्ड खेला है। राजाराम त्रिपाठी को इस सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। उनके खिलाल बीजेपी के वर्तमान सांसद गणेश सिंह ताल ठोक रहे हैं। कांग्रेस को इसबार ब्रहमण समाज से वोट की काफी उम्मीद है। दूसरे ओर सिंह को पटेल समुदाय से वोटों की उम्मीद है। ठाकुर समाज बीजेपी से काफी नाराज है यहां से उनके समुदाय से किसी को टिकट नहीं दिया गया है। इसलिए ठाकुर वोटबैंक भी छिटक कर कांग्रेस के पास जा सकता है। बीजेपी प्रत्याशी सिंह को ओबीसी ओर एससी, एसटी से वोट की आस है।


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