UGC Action: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग पहले ही 20 से अधिक विश्वविद्यालय को फर्जी घोषित कर चुका है। जिसकी लिस्ट के यूजीसी ने ऑफिशियल वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। अब आयोग ने मध्य प्रदेश सरकार को फर्जी निजी विश्वविद्यालयों के खिलाफ एक्शन लेने का निर्देश दिया है। इस संबंध में इस उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को यूजीसी ने पत्र लिखा है।
दरअसल, यूजीसी ने यह कदम भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार की ओर से प्राप्त शिकायतों के आधार पर उठाया है। सितंबर 2024 में एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष ने प्रदेश में फर्जी निजी विश्वविद्यालयों की जांच और कानूनी कार्रवाई को लेकर यूजीसी अध्यक्ष को पत्र लिखा था।
यूजीसी ने क्या कहा? (MP Fake Universities)
यूजीसी ने कहा, “विश्वविद्यालय की स्थापना राज्य सरकार द्वारा की जाती है। विश्वविद्यालय के कार्यकलाप नियम, अधिनियम, उपनियम, ऑर्डिनेंस आदि राज्य सरकार द्वारा पारित या स्वीकृत किए जाते हैं। विश्वविद्यालय के ऊपर कार्रवाई का अधिकार भी राज्य सरकार के पास होता है। इसलिए अनुरोध है कि सरकार इस मामले का संज्ञान लें और उचित कार्रवाई करें। साथ ही यूजीसी को पूरे मामले से संबंधित रिपोर्ट साझा करें।”
क्या हैं शिकायतें? (Ravi Parmar)
- रवि परमार द्वारा लिखित पत्र के मुताबिक प्रदेश में यूजीसी के नियमों के खिलाफ 70 से ज्यादा प्राइवेट यूनिवर्सिटी सिर्फ कागजों में संचालित हो रहे हैं। इन विश्वविद्यालयों के पास ना तो नियम अनुसार स्टाफ है और ना ही भवन है। स्टाफ मेंबरशिप कागजों में ही है।
- राज्य के 32 विश्वविद्यालयों में कुलपति भी अयोग्य हैं।
- राज्य के कई यूनिवर्सिटी फर्जी पते पर संचालित हो रहे हैं। छात्र-छात्राओं का एडमिशन भोपाल शहर बोलकर किया जाता है। जबकि कॉलेज रायसेन, विदिशा, सीहोर और अन्य शहरों में संचालित होते हैं।
- इन फर्जी विश्वविद्यालय द्वारा सत्र में प्रवेश का कोई समय भी निश्चित नहीं है।
- कई यूनिवर्सिटी डिग्री बेचने का काम खुलेआम कर रही हैं। जिससे छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है।