भोपाल। प्रदेश में 15 साल वनवास ख़त्म कर सत्ता में आई कांग्रेस सरकार में आने के बाद से ही तमाम विवादों से घिरी हुई है। पहले कर्जमाफी, बिजली समस्या, तबादले के बाद अब एक और विवाद मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ जुड़ गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सीएम कमलनाथ पर अपने रिश्तेदारों की आवभगत में प्रशासन का इस्तेमाल करने का आरोप लगा है। सीएम के भांजे, भांजी और भांजा बहू को उज्जैन में मंदिरों की पूजा करने पहुंचे तो उनके आवाभगत में प्रशासनिक अमले ने पूरी ताकत झोंक दी। यह पूरा मामला बीते मंगलवार का बताया जा रहा है।
भाजपा ने कहा यह है सत्ता का नशा
मामला समाने आने के बाद भाजपा ने कमलनाथ सरकार पर आरोपों की झड़ी लगा दी है। भाजपा विधायक एवं बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने इस बात की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि सत्ता का नशा कांग्रेस सरकार में साफ दिख रहा है। साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि अस्पतालों में भले ही डॉक्टर ना हो लेकिन रिश्तेदारों की सेवा में एम्बुलेंस और डॉक्टर लगा दिए, थानों में टीआई भले ही ना हो लेकिन रिश्तेदारों की सुरक्षा में पुलिसवालों को ज़रूर लगाएंगे। भाजपा प्रवक्ता सचिन सक्सेना ने भी इस बात को लेकर सरकार को घेरा है और कहा है कि सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग करना कांग्रेस की परंपरा करार दिया है।
बताया जा रहा है कि नियमों के अनुसार इस तरह के प्रोटोकॉल में रिश्तेदार किसी भी दायरे में नहीं आते साथ ही रिश्तेदारों को किसी प्रकार की वीआईपी सुविधा दिए जाने के किसी भी प्रावधान का कहीं भी उल्लेख नहीं है। जबकि कमलनाथ के रिश्तेदारों के लिए प्रशासन द्वारा काफिले में तीन पुलिस वाहन, दो प्रशासनिक वाहन, एक एंबुलेंस सहित अन्य वाहनों का उपयोग किया गया। आरोप है कि कमलनाथ सरकार के अधिकारियों के प्रति सख्त रवैये के चलते अधिकारियों वा कर्मचारियों के मन में डर का माहौल है। जिस वजह से पूरा प्रशासनिक अमला आवभगत में जुटा रहा| मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मंदिर को जारी किए गए पत्र में भी केवल परिवार का ही जिक्र किया गया था, जो लोग वहा पहुंचे उनके नामों का जिक्र कही भी नहीं किया गया।