उमा भारती का खुलासा, ’30 साल पहले ले चुकी संन्यास, फिर से नहीं बदलेगा नाम’

उमा भारती

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Uma bharti) फिर से अमरकंटक से संन्यास (renunciation) नहीं लेने जा रही हैं न दुबारा उनका नाम बदलने वाला है। वहीं खुद को ‘दीदी मां’ कहे जाने के पीछे की बात का भी उन्होने खुलासा किया है। उमा भारती ने खुद ट्वीट करते हुए सारी जानकारी दी है। उन्होने कहा कि ‘मेरे कल के ट्वीट के बाद कुछ समाचार पत्रों एवं चैनलों ने मुझसे इस बारे में बात करने के लिए संपर्क किया। उससे मुझे लगा कि उनमें से कईयों ने मेरे ट्वीट ठीक से पढ़े नहीं हैं, मैं अनुरोध करती हूं कि आप सभी लोग उन ट्वीट को एक बार पढ़ लीजिए।’ इसके बाद एक बार फिर उन्होने 12 बिंदुओं में अपने संन्यास को लेकर सिलसिलेवार जानकारी दी है।

MP News : भाजयुमो का दो दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग प्रारंभ, मिशन 2023 सहित 11 विषयों पर बनेगी रणनीति

उमा भारती ने घोषणा की है कि वे अमरकंटक में अब संन्यास नहीं लेने वाली और ना ही उनका नाम बदलने वाला है। उन्होने ट्वीट करते हुए लिखा है कि ‘मैं 17 नवंबर 1992 को अमरकंटक में संन्यास ले चुकी हूं मेरा नाम उसी समय उमा भारती से उमाश्री भारती हो चुका है, आपने मेरे घर बी-6, शामलाहिल्स, भोपाल में घुसते ही नेम प्लेट पर उमाश्री भारती ही लिखा हुआ देखा है। संन्यास दीक्षा के समय मेरा पार्लियामेंट में दूसरा टर्म था इसलिए चुनाव आयोग एवं संसदीय कार्य प्रणाली में तकनीकी तौर पर मैं अपना नाम नहीं बदलवा सकी। मेरे गुरुजी के बाद अब जैन मुनि श्री विद्यासागर जी महाराज गुरु स्थान पर हैं उन्होंने मुझे आज्ञा दी कि मैं सबको हिदायत दूं कि मुझे संबंधों से संबोधित ना किया जाए ‘दीदी मां’ हूं। मेरे गुरु ने 30 साल पहले मुझे कहा था सारे विश्व के साथ अपने परिवार पर भी दया एवं करुणा रखना किंतु आसक्ति या मोह मत रखना, उसी बात को 30 साल बाद श्री विद्यासागर जी महाराज ने विस्तार दिया। भारती, भारत की है, सबकी ‘दीदी मां’ बन जाओ।’


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।