क्यो नाराज हैं सीनियर मिनिस्टर गोविन्द सिंह

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भोपाल| मध्य प्रदेश में मंत्री अपनी ही सरकार में लोगों की मांगों को पूरी नहीं करा पा रहे हैं, अधिकारियों और मंत्रियों की पटरी नहीं बैठ रही है, अनेकों बैठकों में मंत्रियों का यह दर्द सामने आ चुका है| लोगों की मांगों पर मंत्री फैसले नहीं कर पा रहे हैं| जिन वचनों को लेकर कांग्रेस सत्ता में आई उन वादों को पूरा करने में भी मंत्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड रहा है| सोशल मीडिया पर सामान्य प्रशासन मंत्री गोविन्द सिंह का एक ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमे वो अतिथि शिक्षकों की मांग पर हाथ खड़े करते हुए कह रहे हैं कि अधिकारी मानने को तैयार नहीं हैं आप मुख्यमंत्री से मिलो| 

ऑडियो में फ़ोन पर बातचीत करने वाला शख्स खुद को हरदा निवासी अतिथि शिक्षक बताते हुए अतिथि शिक्षकों की ऑनलाइन भर्ती में रिटायर्ड शिक्षकों की तरह अनुभव के 100 अंक दिए जाने की मांग पर मंत्री ड़ॉ गोविन्द सिंह से चर्चा कर रहा है| जिस पर नाराज मंत्री अपनी ही सरकार में काम नहीं करा पाने से नाराज होकर कह रहे हैं कि मेने सब कर लिया, अधिकारी मानने को तैयार नहीं है, आप मुख्यमंत्री से मिलो| उन्होंने यह भी कहा कि दो चार लोगों के आने से काम नहीं चलेगा, प्रदेश भर के अतिथि शिक्षकों को लाकर सुबह मुख्यमंत्री से मिलो| बिना इसके होगा नहीं, जब तक सीएम नहीं चाहेंगे, हमारी मानने को तैयार नहीं है| सब इकठ्ठा होकर मिलो तो सब हो जाएगा| 

गौरतलब है  कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में तीन माह के भीतर अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण का आश्वासन दिया था| अतिथि शिक्षकों की मांगों पर विचार के लिए शासन ने सामान्य प्रशासन मंत्री गोविंद सिंह की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई थी| इस समिति को उनकी मांगों पर विचार कर तीन माह में अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी लेकिन लोकसभा चुनाव के चलते मामला अटका रहा और अब तक अतिथि शिक्षकों की मांग पूरी नहीं हो पाई है| इस बीच अतिथि शिक्षकों की ऑनलाइन भर्ती निकाली गई है, जिसमे जिसमें 100 अंक डीएड-बीएड व 100 अंक अनुभव के दिए जा रहे हैं। इसके आधार पर अतिथि शिक्षकों का स्कोर कार्ड जनरेट होगा। इसमें मेरिट के आधार पर अतिथि शिक्षकों का चयन किया जाएगा।  इसको लेकर अतिथि शिक्षकों की मांग है कि उन्हें रिटायर्ड शिक्षकों की तरह अनुभव के 100 अंक दिए जाएं, जिससे वह नौकरी से निकालने से बच जाएं। अतिथि शिक्षकों की प्रति वर्ष स्कोर कार्ड में 10 अंक जोड़कर पदस्थापना की जाए और 12 माह का वेतन दिया जाए।  गुरुजी की तर्ज पर समस्त सेवा शर्तों का लाभ देते हुए विभागीय परीक्षा लेकर नियमित किया जाए। शिक्षक भर्ती परीक्षा में मेरिट काउंसलिंग में अतिथि शिक्षकों को पासिंग न्यूनतम आहर्ता में छूट देते हुए प्रतिवर्ष 5 अंक के हिसाब से बोनस अंक जोड़ें।


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