ॐ के उच्चारण से होता है यह फायदा, जानिए उच्चारण में छिपा रहस्य।

Gaurav Sharma
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हेल्थ, डेस्क रिपोर्ट। ॐ कहने, सुनने और देखने में तो सिर्फ एक अक्षर नजर आता है, पर, अपनेआप में ये पूरा एक मंत्र है। किसी भी मंत्र का जाप चित्त को शांत करता है,मन को केंद्रित करता है। ये भी माना जाता है कि सृष्टि की उत्पत्ति के साथ जो सबसे पहली ध्वनि गूंजी वो ओम की ही थी। हर मंत्र का आरंभ भी ओम से होता है। त्रिदेव भी इसी मंत्र से प्रकट हुए माने जाते हैं। इसलिए ये भी कहा जाता है कि इस एक शब्द में स्वयं त्रिदेव का वास होता है,यही वजह है कि इस मंत्र के नियमित उच्चारण से कई तरह के लाभ मिलते हैं।

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उच्चारण का सही तरीका


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।