डकार का आना भी देता है हेल्थ इश्यूज का इशारा, एसिडिटी समझ कर हल्के में न लें

Amit Sengar
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हेल्थ,डेस्क रिपोर्ट। पेटभर कर खाना हो जाए और उसके बाद डकार (Burp) आ जाए तो तृप्ति का अहसास होता है। अक्सर कोल्ड ड्रिंक पीने के बाद भी डकार आती है। जब भी डकार आती है इसे गैस या एसिडिटी की समस्या मान कर छोड़ दिया जाता है। लेकिन हर बार डकार को हल्के में लेने की गलती न करें। ये ध्यान रखें कि आपकी डकार आपकी सेहत के बारे में बहुत कुछ बताती है।

डकार का आना बहुत सारी बातों पर निर्भर करता है। पेट पूरी तरह भरा होता है तब डकार आती है। कुछ ठंडा गर्म होता है तब भी डकार आती है। तेज खाना खाने वालों को अक्सर डकार आती है। इसलिए खाना सामान्य रफ्तार से ही खाना चाहिए। दो या तीन बार डकार आए तो ये सामान्य बात है। लेकिन लगातार डकार का आना चिंता का विषय हो सकता है।

ओबेसिटी का संकेत
वजन बहुत ज्यादा होगा तो ज्यादा डकार आती है। ये मोटापा औऱ ओबेसिटी का संकेत हो सकते हैं। इसलिए ज्यादा डकार आने पर अपने वजन को लेकर सचेत हो जाएं।

अल्सर
डकार आने की एक वजह डाइजेशन में जुटे अंगों में अल्सर भी हो सकता है। पेट में किसी तरह का इंफेक्शन होने से या किसी तरह की दवा से अंगों के भीतर अलसर हो जाते हैं। समय पर ध्यान न देने से ये गंभीर रूप भई ले सकते हैं।

दूध
कुछ लोगों को दूध न हजम होने की शिकायत होती है। इसका मतलब ये होता है कि शरीर में इतने पर्याप्त प्रोटीन नहीं हैं जो दूध में मौजूद लैक्टोज को तोड़ कर पाचन को बेहतर बना सकें। सीधा सा इशारा ये है कि आपका पेट दूध या उसके प्रोडक्ट्स की वजह से अपच का शिकार हो सकता है। डकार के जरिए पेट इस बात का इशारा भी करता है। ऐसा होने पर लैक्टोज फ्री प्रोडक्ट्स को अपनी डाइट में शामिल करें।

एसिड रिफ्लक्स
ओबेसिटी या प्रेगनेंट महिलाओं को इसका सामना करना पड़ता है। दोनों ही अवस्थाओं में खाना तेजी से नहीं पचता और बहुत डकारे आती हैं। कई बार गले से लेकर खाने की नली तक में तेज जलन भी होती है। ऐसे समय में डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी हो जाता है।

स्ट्रेस
जो लोग ज्यादा तनाव में होते हैं उन्हें भी ज्यादा डकार का सामना करना पड़ता है। स्ट्रेस को मैनेज करने में मुश्किल हो रही हो तो काउंसलर की मदद लें या कहीं और मन लगाएं। स्ट्रेस कम होते ही डकार भी ठीक हो जाएगी।

*Disclaimer :- यहाँ दी गई जानकारी अलग अलग जगह से जुटाई गई एक सामान्य जानकारी है। MPBreakingnews इसकी पुष्टि नहीं करता है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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