हेल्थ, डेस्क रिपोर्ट। डायपर की अहमियत किसी भी मां से पूछ सकते हैं। इसका सबसे अधिक उपयोग पार्टी, बाहर घूमने जाना, शॉपिंग या किसी से मिलने जाना हो उस समय बहुत उपयोगी साबित होता है इसीलिए आज इसकी मांग भी पहले से बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है। माताएं इसको इसलिए भी उपयोग करती हैं ताकि अगर बच्चा पोटी या पेशाब कर दे तो बिस्तर ना खराब हो या फिर कहीं घूमने गए हैं तो बार-बार उसे टॉयलेट ले जाने की झिक झिक ना हो।
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लेकिन कुछ माता-पिता ऐसे भी होते हैं जिनके बच्चे सारा दिन डायपर पहनते हैं यह खबर उन्हीं लोगों के लिए है। गर्मी में ज्यादा डायपर के इस्तेमाल से बच्चों को खुजली त्वचा पर लाल चकत्ते और रैसेज की समस्या हो सकती है क्योंकि बच्चों के अंग नाजुक और संवेदनशील होते हैं। इसलिए उन्हें सारा दिन डायपर नहीं पहनाना चाहिए। आपको बता दें कि डायपर रैशेज एक बहुत ही आम समस्या हो गई है। यदि आप बच्चे का डाइपर नियमित रूप से बदलते हैं तो यह समस्या नहीं होगी। क्योंकि डायपर सैटिन सिल्क जैसे फैब्रिक और प्लास्टिक पेंट्स का यूज करके बनते हैं जिसके कारण फंगल, बैक्टीरियल इंफेक्शन हो सकता है।
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डायपर से रैसेज होता है लेकिन उसके कारण क्या है
- मल और पेशाब के कारण खुजली होना
- ड्राइवर को बार-बार खींचना या रगड़ना
- बैक्टीरियल इनफेक्शन
- संवेदनशील त्वचा
- डायपर के कारण एलर्जी रिएक्शन
- बच्चों द्वारा नए-नए फूड का सेवन करना
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रैसेज से बचने के उपाय
- डायपर गंदा होने के तुरंत बाद बदल दें
- रैशेज से बचाने के लिए बेबी बॉटम को गर्म पानी से धोएं और मुलायम कपड़े से पोछें
- त्वचा को साफ करने के बाद वहां बेबी पाउडर लगाएं और तुरंत डायपर नहीं पहनाए
- रैसेज अभी ताजा है तो नहाने के पानी में दो चम्मच बेकिंग सोडा मिलाएं
- त्वचा की जलन को रोकने के लिए पेट्रोलियम जेली लगाएं