सावधान! कहीं आप इंटरनेट पर तो नहीं जुटा रहे स्वास्थ्य जानकारी, हो सकते हैं Idiot Syndrome के शिकार

Idiot Syndrome: आजकल स्वास्थ्य संबंधी जानकारी के लिए इंटरनेट पर भरोसा करना आम बात हो गई है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आदत आपको "Idiot Syndrome" का शिकार बना सकती है?

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Idiot Syndrome: आज के दौर में, इंटरनेट और खासकर गूगल, जानकारी का सबसे बड़ा स्रोत बन गया है। किसी भी सवाल का जवाब ढूंढने के लिए हम सबसे पहले गूगल का सहारा लेते हैं। लेकिन क्या हमने कभी सोचा है कि गूगल पर मिलने वाली हर जानकारी सच होती है? यह सच है कि गूगल पर हमें हर विषय पर जानकारी मिल जाती है, लेकिन यह भी सच है कि सभी जानकारी सटीक और विश्वसनीय नहीं होती। कई बार, हमें गलत या भ्रामक जानकारी भी मिल सकती है, खासकर स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी के मामले में। कुछ लोग तो इतने लापरवाह हो जाते हैं कि वे अपनी सेहत से जुड़ी सभी जानकारी गूगल से प्राप्त करते हैं और खुद का इलाज भी शुरू कर देते हैं। यह खतरनाक हो सकता है क्योंकि गलत जानकारी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। गूगल पर अत्यधिक निर्भरता, जिसे “Idiot Syndrome” भी कहा जाता है, खतरनाक हो सकती है।

क्या होता है इंडियट सिंड्रोम (Idiot Syndrome)

आज के डिजिटल युग में, जानकारी के लिए इंटरनेट पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। खासकर स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी के लिए लोग अक्सर डॉक्टर की बजाय Google पर भरोसा करते हैं। इस आदत को “Idiot Syndrome” कहा जाता है, जो कि “Internet Derived Information Obstruction Treatment” का संक्षिप्त रूप है। यह सिंड्रोम खतरनाक हो सकता है क्योंकि लोग बिना किसी जांच-पड़ताल के, इंटरनेट से मिली गलत जानकारी के आधार पर अपना इलाज शुरू कर देते हैं। इससे उनकी स्वास्थ्य स्थिति और भी बिगड़ सकती है।

इंडियट सिंड्रोम (Idiot Syndrome) के लक्षण

डॉक्टर से सलाह लेने से पहले गूगल पर जानकारी खोजना: किसी भी स्वास्थ्य समस्या का सामना करने पर सबसे पहले डॉक्टर से संपर्क करने की बजाय, सीधे इंटरनेट पर जानकारी ढूंढना।

गलत जानकारी पर भरोसा करना: बिना किसी जांच-पड़ताल के इंटरनेट से मिली जानकारी पर आंख बंद करके विश्वास करना, भले ही वह गलत या भ्रामक हो।

डॉक्टरी सलाह को नजरअंदाज करना: डॉक्टर द्वारा बताए गए उपचार को छोड़कर, इंटरनेट पर सुझाए गए घरेलू नुस्खों या उपचारों का पालन करना।

वेब पर जमे रहना: बीमारी के बारे में जानकारी जुटाने के चक्कर में घंटों विभिन्न स्वास्थ्य वेबसाइटों और फोरम पर समय बिताना।

इंडियट सिंड्रोम (Idiot Syndrome) से कैसे बचें

आजकल इंटरनेट पर हर तरह की जानकारी आसानी से उपलब्ध है। लेकिन यह ज़रूरी है कि आप हर जानकारी पर आँख बंद करके भरोसा न करें। खासकर स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी के मामले में सतर्क रहना चाहिए। स्वास्थ्य संबंधी जानकारी के लिए डॉक्टर से सलाह लें। अगर आपको अपनी सेहत को लेकर कोई चिंता है, तो किसी डॉक्टर से सलाह लें। इंटरनेट पर मिली जानकारी के आधार पर खुद का इलाज करने की कोशिश न करें। अगर आप इंटरनेट से जानकारी ले रहे हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि आप केवल विश्वसनीय स्रोतों का इस्तेमाल कर रहे हैं। मेडिकल वेबसाइटें, सरकारी वेबसाइटें और प्रतिष्ठित संस्थानों की वेबसाइटें आमतौर पर जानकारी का भरोसेमंद स्रोत होती हैं। किसी भी जानकारी पर भरोसा करने से पहले उसका आलोचनात्मक मूल्यांकन करें। जानकारी के स्रोत, लेखक की योग्यता और जानकारी की तारीख जैसी बातों पर ध्यान दें।

डिस्क्लेमर – इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। एमपी ब्रेकिंग इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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