7000 रूपये लीटर बिकता है गधी का दूध, फायदे सुनकर रह जाएंगे दंग

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आपने गाय, भैंस का दूध तो पिया ही होगा। किसी किसी ने बकरी का दूध भी चखा है और ऊंटनी के दूध की कहानियां भी हमने सुनी है। लेकिन क्या कभी आपने गधी के दूध (donkey’s milk) के बारे में सुना है। कहा जाता है कि गधी का दूध बेहद फायदेमंद होता है। एक कहानी के मुताबिक क्लियोपैट्रा नामक एक रानी थी जो खुद को सुंदर और जवान बनाए रखने के लिए गधी के दूध से नहाया करती थी। वहीं इसकी कीमत सुनकर आपकी आंखें फटी रह जाएंगी।

एक हद तक मूर्ख समझे जाने वाले गधों के बारे में जब आप ये बात सुनेंगे तो आश्चर्यचकित रह जाएंगे। कई देशों में गधी का दूध 5 से 7 हजार रूपये लीटर तक बिकता है। हमारे देश में भी कई स्थानों पर गधी का दूध मिलता है। सर्बिया में तो एक किलो पनीर या चीज की कीमत 70 से 80 हजार रुपए के आस-पास होती है। ये पनीर गधी के दूध से बनाया जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक एक किलो पनीर बनाने के लिए करीब 25 लीटर दूध की जरूरत होती है। इसीलिए ये पनीर इतना महंगा है। गधी के दूध से बना पनीर बहुत ही क्रीमी और टेस्टी होता है।

गधी के दूध के अनगिनत फायदे माने जाते हैं। इस दूध में कोशिकाओं को ठीक करने और इम्युनिटी को बढ़ाने का गुण होता है। स्टडी के मुताबिक गधी के दूध में प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है जिससे रोग से लड़ने की ताकत मिलती है और हड्डियां मजबूत होती हैं। गधी के दूध की तुलना मनुष्य जाति के दूध से की जाती है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी एजिंग और रीजेनेरेटिंग कंपाउंड्स होते हैं। ये त्वचा के लिए बहुत लाभदायक है। जो लोग लैक्टोज इंटॉलरेंस की समस्या से पीड़ित हैं और गाय या भैंस का दूध नहीं पी पाते, उन्हें गधी का दूध पीने की सलाह दी जाती है। आज के समय में काफी सारे कॉस्मेटिक या ब्यूटी प्रोडक्ट में गधी के दूध का इस्तेमाल किया जाता है। क्रीम, मॉइश्चराइजर और साबुन आदि बनाने के लिए ये काफी उपयोग में लाया जाता है।। वहीं बहुत सी खाद्य सामग्री जैसे योगर्ट और चीज में भी गधी के दूध का इस्तेमाल होता है।

 


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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